इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव एवं विधायक अभय सिंह चौटाला ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में ग्राम पचायतों के वित्तीय संसाधनों को बढ़ाने के लिए राज्य में ग्राम पंचायतों की सीमा के भीतर किसी भी उपभोक्ता द्वारा की गई खपत के लिए बिजली के बिल पर दो प्रतिशत की दर से पंचायत कर लगाने का निर्णय किसान विरोधी फैसला है। उन्होंने कहा कि किसान आज भाजपा सरकार के खिलाफ सडक़ों पर अपने अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ रहा है जिस कारण अभी तक लगभग 35 किसान शहीद हो चुके हैं।
इनेलो नेता ने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में दिन-रात का अंतर है। भाजपा के यही नेता हैं जो किसानों के कर्जे माफ करवाने और स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू करवाने के लिए कपड़े उतार कर प्रदर्शन करते थे और आज अन्नदाता की दुर्गती करने पर उतारू हैं।
देश और प्रदेश की भाजपा सरकार कैसे किसान से उसकी जमीन छीनी जाए और उसी जमीन पर मजदूर बनाया जाए, उसके लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ तो प्रदेश की भाजपा गठबंधन सरकार किसान हितैषी होने के दावे कर रही है वहीं दूसरी ओर किसानों को बर्बाद करने के लिए लगातार किसान विरोधी फैसले ले रही है।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में जब देश की जीडीपी माइनस में चली गई थी तब केवल एकमात्र अन्नदाता ही था जिसने खून पसीना एक कर कृषि विकास दर में 3.4 प्रतिशत की वृद्धि कर उसे जिंदा रखा और देश को खुशहाल बनाए रखा।