पीएम मोदी के विकास को आग में जलाकर आपस में भिड़ रहे हैं नगर निगम अधिकारी

0
311

फरीदाबाद नगर निगम आयुक्त और संयुक्त आयुक्त ने एक दूसरे के खिलाफ खेमा खोल लिया है। निगम मुख्यालय में चल रहे सिंडिकेट बैंक पर टैक्स वसूली के मुद्दे को लेकर एक दूसरे के आमने सामने खड़े हुए नजर आ रहे हैं। एक तरफ जहां निगमायुक्त यश गर्ग द्वारा बिना टैक्स वसूली के बैंक को खोलने के आदेश दिए जा चुके हैं।

वहीं संयुक्त आयुक्त प्रशांत अटकान का कहना है कि निगमायुक्त ने अपने फैसले को बिना किसी के संज्ञान में लाकर पारित कर दिया। संयुक्त आयुक्त का कहना है कि नगर निगम में सिंडिकेट बैंक ने जगह घेर रखी है और वह निगम का बकाया चुका पाने में असमर्थ हैं।

पीएम मोदी के विकास को आग में जलाकर आपस में भिड़ रहे हैं नगर निगम अधिकारी

ऐसे में जॉइंट कमिश्नर प्रशांत अटकान का कहना है कि अगर बैंक की जगह निगम कार्यालय की उस जमीन को किसी और को किराये पर दिया जाता है तो उससे निगम को ही फायदा होगा। आपको बता दें कि नगर निगम काफी समय से कर्जे में डूबा हुआ है।

पीएम मोदी के विकास को आग में जलाकर आपस में भिड़ रहे हैं नगर निगम अधिकारी

ऐसे में अगर बैंक के स्थान पर निगम कार्यालय की उस जमीन को किसी और को भाड़े पर जाता है तो इससे निगम की आय में इजाफा होगा। आपको बता दें कि नगर निगम पिछले लंबे समय से सवालों के कठघरे में घिरा हुआ है। ऐसे में नगर निगम प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली भी बहुत कम कर पा रहा है।

पीएम मोदी के विकास को आग में जलाकर आपस में भिड़ रहे हैं नगर निगम अधिकारी

जब सिंडिकेट बैंक से बकाया नहीं मिला तो संयुक्त आयुक्त प्रशांत अटकान ने पूरे मामले के खिलाफ कार्रवाई करते हुए बैंक को सील करने के आदेश दिए थे। पर बैंक चालकों द्वारा निगमायुक्त को पत्र भेजे जाने के बाद बैंक को पुनः शुरू कर दिया गया।

ऐसे में संयुक्त आयुक्त प्रशांत अटकान ने आरोप लगाया है कि निगमायुक्त यश गर्ग द्वारा बैंक को पुनः खोले जाने को लेकर किसी भी तरह की सूचना जारी नहीं की गई थी।

नगर निगम में चल रही है अंतर कलह

पीएम मोदी के विकास को आग में जलाकर आपस में भिड़ रहे हैं नगर निगम अधिकारी

नगर निगम महकमे से लापरवाही की ख़बरों के आने का सिलसिला अब आम हो गया है। आए दिन निगम कार्यालय से अजब गजब ख़बरें सामने आती रहती हैं। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले खबर आई थी कि नगर निगम से सभी ठेकेदार तिलमिलाए बैठे हैं और अब निगम के आला कमान अधिकारी भी प्रणाली से रोष खा रहे हैं।

निगम में चल रही अंतर कलह पर विराम नहीं लग पा रहा है। अब बड़े अधिकारी भी एक दूसरे के खिलाफ खेमा खोले बैठ गए हैं। अगर हाईकमान अधिकारी ही विकास कार्यों का दामन छोड़ एकदूसरे से भिड़ते बैठेंगे तब तक फरीदाबाद की तरक्की होना मुश्किल है।