जनता को ना हो परेशानी इसलिए पुलिसकर्मी बने मिस्त्री

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यातायात पुलिस सख्त ड्यूटी करने के साथ-साथ लोगों की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखती है| किसी प्रकार की दुर्घटना न हो जाए इसके लिए सुरक्षा सम्बन्धी उपाय किए जाते हैं|

जनता को ना हो परेशानी इसलिए पुलिसकर्मी बने मिस्त्री

परन्तु अपनी ड्यूटी करने के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर सहयोग देने की कहानियाँ बहुत कुछ बयाँ करने के साथ-साथ लोगों में मानवता का भाव भी पैदा कर जाती हैं|

ऐसी ही कहानियों में एक कहानी यातायात पुलिस में तैनात सतीश की है जिन्होंने लोगों की सुरक्षा के लिए नीलम पुल के पास टूटी हुई दीवार खुद ही बना डाली|

दरअसल दीवार टूटने की वजह से दोपहिया वाहन यहाँ से निकलकर जाते थे परन्तु पुल क्षतिग्रस्त होने की वजह से किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटित हो सकती थी|

इसलिए लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सतीश ने एक सहायक को साथ लेकर खुद ही टूटी हुई दीवार का फिर से निर्माण करना शुरू किया और कुछ घंटो में ही इसे बनाकर तैयार कर दिया|

जनता को ना हो परेशानी इसलिए पुलिसकर्मी बने मिस्त्री

पुलिस आयुक्त श्री ओ पी सिंह को इसकी सूचना मिली तो उन्होंने सतीश के कार्य की प्रशंसा की और भविष्य में भी ऐसे ही लोगों की मदद करने में अपना सहयोग देने के लिए प्रेरित किया|

इसके साथ ही उन्होंने नागरिकों को सुरक्षा नियमों का पालन करने की हिदायत दी| उन्होंने कहा कि सुरक्षा नियमों का पालन करके आप सुरक्षित घर पहुंचे और अपने तथा अपने परिवारजनों की खुशियों को भी बरकार रखें|