हरियाणा और पंजाब के हजारों के साथ इन दिनों सरकार द्वारा अपनी मांगे मनवाने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर उतर आए हैं। इतनी बड़ी संख्या में एक किसान अपने घरों को छोड़ दिसंबर के महीने की सर्द रातें सड़कों पर बिताने को मजबूर हैं। किसानों का मानना है कि सरकार द्वारा पारित कृषि अध्यादेश किसानों के हित में नहीं बल्कि पूंजी पतियों की जेबें भरने वाले हैं।
ऐसे काले कानूनों को सरकार जल्द वापस ले ऐसा किसानों की मांग है। किसानों के इस आंदोलन के चलते दिल्ली पहुंचने के कई बॉर्डर जैसे कुंडली बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर सील कर दिए गए हैं। हरियाणा के फरीदाबाद में भी सरकार द्वारा प्रस्तावित नीतियों का पुरज़ोर विरोध चल रहा है। कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों द्वारा किए गए टोल फ्री ऐलान को लेकर किसान संगठन तीन अलग-अलग समूह में शुक्रवार को कुंडली-गाजियाबाद-पलवल (केजीपी) एक्सप्रेसवे स्थित मौजपुर टोल पर पहुुंचे।
पुलिस को इन रणनीति की खबर होते ही मौके पर तैनात हो जाने के निर्देश दिए गए। शुक्रवार सुबह से मौजपुर टोल के समीप बने होटल पर सुबह 10 बजे किसान नेता बबलू हुड्डा अपने साथ करीब 8-10 लोगों के साथ पहुंचे। पुलिस कर्मियों ने वहां पहुंचे लोगों को समझाने बुझाने की पूरी कोशिश की पर फिर भी उनके ना मानने पर पुलिस ने मौके पर मौजूद सभी किसानों को हिरासत में और उन्हें छायंसा थाना ले जाया गया।
बता दें कि इस वक्त भी मौजपुर टोल पर काफी संख्या में पुलिस बल के अलावा अन्य पुलिस टीमें मौजूद हैं जहां और भी किसानों को हिरासत में लेने का दौर चल रहा है। एक ओर किसानों का कहना है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रख रहे हैं और इसके लिए पुलिस को भी उनका सहयोग करना चाहिए।