करोड़ों रूपये लगाकर फरीदाबाद के किसानों की मुश्किलें हल करेगा प्रशासन, अब नहीं झेलनी पड़ेगी परेशानी

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सिचाई विभाग द्वारा पियाला-बल्लभगढ़ रजवाहे को पक्का बनाने की बात की जा रही है। इस बदलाव से कई ग्रामीणों और किसानों को लाभ मिलेगा। अब सिचाई के लिए पानी रजवाहे में अंतिम छोर तक पहुंचाया जा सकेगा। पक्का बनाने का काम 28 दिसंबर से प्रारंभ होगा।

सरकार ने रजवाहे को पक्का बनाने के लिए 1.80 करोड़ रुपये की लागत को मंजूरी दी है। सिचाई विभाग द्वारा गुरुग्राम से पियाला-बल्लभगढ़ रजवाहा निकाला है। रजवाहे से ऊंचा गांव, चंदावली, साहुपुरा, मलेरना, सागरपुर, सुनपेड़, पियाला जैसे गाँवों की खेतों की सिचाई की जाती है।

करोड़ों रूपये लगाकर फरीदाबाद के किसानों की मुश्किलें हल करेगा प्रशासन, अब नहीं झेलनी पड़ेगी परेशानी

रजवाहा के कच्चे होने के चलते बारिश के दिनों में झाड़ी खड़ी हो जाती हैं, जिसकी वजह से पानी अंतिम टेल तक नहीं पहुंच पाता। इससे आधे रकबे की ही सिचाई हो पाती है। आधा रकबा ट्यूबवेलों से ही भरा जाता है।

किसानों की इस समस्या को देखते हुए सिचाई विभाग ने रजवाहे के क्षेत्रफल के निर्माण की योजना तैयार करके सरकार को भेज दिया। सरकार की तरफ से परिवहन एवं खनन मंत्री मूलचंद शर्मा ने योजना को मंजूर करा दिया है।

करोड़ों रूपये लगाकर फरीदाबाद के किसानों की मुश्किलें हल करेगा प्रशासन, अब नहीं झेलनी पड़ेगी परेशानी

अब योजना पर काम शुरू होने की बात की जा रही है। दिनांक 28 दिसंबर रजवाहे को पक्का बनाने के लिए सेक्टर-3 के सामने गुरुग्राम नहर पर परिवहन मंत्री द्वारा आधारशिला रखी जाएगी। रजवाहे को पक्का बनाने के लिए 1.80 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी गई है।

करोड़ों रूपये लगाकर फरीदाबाद के किसानों की मुश्किलें हल करेगा प्रशासन, अब नहीं झेलनी पड़ेगी परेशानी

फरीदाबाद में विकास कार्य की गति बहुत मंद तरीके से आगे बढ़ रही है। जनता की परेशानियां भी समय के साथ काफी तेजी से बढ़ती जा रही है। ऐसे में जरूरी है कि प्रशासन और कार्य प्रणाली निरंतर रूप से हर कार्य का ब्यौरा ले और उसपे काम करे।

बहुत समय से रजवाहे के पक्का न होने के कारण बहुत सारे ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सिचाई के काम में भी विलंभ होता है और किसी भी रूप से काम बेहतर तरीके से नहीं हो पाता। अब अगर रजवाहा जल्द से जल्द बनकर तैयार हो जाता है तो क्षेत्र के किसानों को इससे काफी फायदा होगा और उनके खेत अच्छे से सींचे जा सकेंगे।