महामारी के दौर मे त्योहारों के रंग फीके पड़ गए हैं। जहां हर बार पूरे देश में त्योहारी सीजन पर रौनका लगी रहती थी वहीं इस बार किसी भी प्रकार की चका चौंध देखने के लिए नहीं मिली। सामाजिक दूरी का पालन करने के लिए हर किसी ने भीड़ से दूरी बनाई ताकि बीमारी के संक्रमण पर विराम लगाया जा सके।
बीमारी को लेकर जब पूरा भारत सक्रीय है वहीं फरीदाबाद स्मार्ट सिटी की आवाम संक्रमण का डर भूल चुकी है। मास्क और सामाजिक दूरी से क्षेत्र की जनता ने दूरी बनाई हुई है। कुछ दिन पूर्व क्रिसमस की रौनक ने क्षेत्रवासियों को इतना अँधा कर दिया था कि वह अपना बुरा देख पाने में असमर्थ रहे।
फरीदाबाद के बहुचर्चित वर्ल्ड स्ट्रीट पर 25 दिसंबर की शाम को एक भयावह मंजर देखने के लिए मिला। जहां पूरा वर्ल्ड स्ट्रीट जगमग रौशनी से नहाया हुआ था वहीं दूसरी ओर स्ट्रीट पर जनसमूह उमड़ा हुआ था। आपको बता दें कि फरीदाबाद की वर्ल्ड स्ट्रीट पर एक ही समय पर तकरीबन 5000 लोग एक साथ इकठ्ठे हुए पड़े थे।
गौर करने वाली बात यह है कि इनमे से अधिकतर लोगों ने मास्क नहीं लगाया हुआ था। साथ ही साथ बात की जाए सामाजिक दूरी की जनता ने सामाजिक दूरी से भी दूरी बनाई हुई थी। ऐसे में बीमारी के संक्रमण की बात की जाए तो उसका बढ़ना लाजमी है।
क्षेत्र की आवाम अगर इस तरीके का रवैया इख्तियार करती है तो इससे जिला प्रशासन के आगे बड़ी मुश्किलें कड़ी हो सकती हैं। जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों की बात की जाए तो उन्हें ध्यान में रखते हुए किसी ने भी कोई सतर्कता नहीं बरती है।
कुछ दिन पहले फरीदाबाद प्रशासन की तरफ से निर्देश आए थे कि क्रिसमस और नए साल के जश्न में सामाजिक दूरी का पालन किया जाना अनिवार्य है। इसके चलते किसी भी रेटोरेन्ट या फिर कैफे में एक समय पर 200 से ज्यादा लोग एकत्रित नहीं होंगे और अगर खुला मैदान है तो यह क्रमांक बढ़कर 500 कर दिया जाएगा।
अब ऐसे में जिला प्रशासन के सामने सबसे बड़ी मुश्किल यही है कि बीमारी के संक्रमण पर कैसे विराम लगाया जाएगा।