शहर के बीचों-बीच बन रहे ऑडिटोरियम का निर्माण कार्य अभी भी रुका हुआ है और ना ही ऑडिटोरियम का फाइनल टच अधूरा पड़ा हुआ है। ऑडिटोरियम के अंदरूनी बाहरी कार्य को अभी तक पूरा नहीं किया गया है। ठेकेदार की मानें तो उसका भुगतान नहीं हो पा रहा है और निगम अधिकारी फाइनल टचिंग के मामले में किसी भी प्रकार का खुलासा नहीं कर रहे हैं।
इस कारण ऑडिटोरियम का काम बीच मझधार में लटका हुआ है। बहरहाल, छह साल बाद भी शहरवासियों को ऑडिटोरियम मिलने का सपना पूरा होता नजर नहीं आ रहा है। नगर निगम ऑडिटोरियम का निर्माण कार्य वर्ष 2014 में शुरू हुआ था और कयास लगाया जा रहा था कि वर्ष 2016 निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।
पर कर्जे में डूबे हुए नगर निगम की आर्थिक तंगी के कारण यह काम अधर में लट गया। उसके बाद साल 2016 में मौजूदा परिवहन एवं खनन मंत्री मूलचंद शर्मा ने पुनः इसका काम शुरू करवाया। ऑडिटोरियम निर्माण कार्य का जिम्मा फरीदाबाद नगर निगम के जिम्मे आया।
ऑडिटोरियम निर्माण के लिए करीब पौने सात करोड़ रुपये लागत आनी थी। ऑडिटोरियम तैयार करने वाली कंपनी को ऑडिटोरियम तैयार करके साल 2016 में देना था। कंपनी द्वारा करीब 80 प्रतिशत काम भी पूरा कर दिया गया है। पर नगर निगम की खराब आर्थिक स्थिति के चलते ठेकेदार ने काम को बीच मझधार में लटकाया हुआ है।
हालांकि ठेकेदार का तर्क है कि फाइनल टच के लिए निगम अधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं किया जा रहा है। ऑडिटोरियम में करीब 500 लोगों को बिठाया जा सकता है। आपको बता दें कि ऑडिटोरियम निर्माण के लिए करीब पौने सात करोड़ रुपये लगात आएगी।
ऑडिटोरियम के बारे में निगम अधिकारी बताते हैं कि इसके बनने के बाद शहरवासियों सहित आसपास के लोगों को किसी भी काम के लिए फरीदाबाद के नगर निगम सभागार की ओर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ऑडिटोरियम के बनते ही क्षेत्र की तमाम शिक्षण संस्थाओं सहित सरकारी कार्यक्रमों के लिए इसके दरवाजे खुले रहेंगे।