सुशासन दिवस के मौके पर हरियाणा के 202 और गांव ‘म्हारा गांव, जगमग गांव’ योजना से जुड़े

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हरियाणा के 202 और गांव ‘म्हारा गांव, जगमग गांव’ योजना से जुड़ गए हैं। इन गांवों को पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजयेपी की जयंती यानि सुशासन दिवस के मौके पर इस योजना से जोड़ा गया। पहले प्रदेश के 4878 गांवों में 24 घंटे बिजली उपलब्ध थी लेकिन अब इन गांवों के शामिल होने के साथ ही प्रदेश के 1261 ग्रामीण फीडरों पर पडऩे वाले 5080 गांव ‘म्हारा गांव, जगमग गांव’ योजना से जुड़ गए हैं। इस तरह अब प्रदेश के 72 प्रतिशत गांवों और 10 संपूर्ण जिलों में 24 घंटे बिजली उपलब्ध है।

सुशासन दिवस के मौके पर हरियाणा के 202 और गांव ‘म्हारा गांव, जगमग गांव’ योजना से जुड़े

बिजली निगमों के प्रवक्ता ने बताया कि 25 दिसंबर से जो नए 202 गांव इस योजना से जोड़े गए हैं, उनमें उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) के अंतर्गत आने वाले सोनीपत सर्कल के 14 गांव, पानीपत के 18, रोहतक के 09, झज्जर के 20 और कैथल के 16 तथा दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) के अंतर्गत आने वाले गुरुग्राम सर्कल के 19, नारनौल के 95 और हिसार के 11 गांव शामिल हैं। इससे प्रदेश के 10 जिलों- पंचकूला, अंबाला, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, करनाल, गुरुग्राम, फरीदाबाद, सिरसा, रेवाड़ी और फतेहाबाद में 24 घंटे बिजली उपलब्ध है।

सुशासन दिवस के मौके पर हरियाणा के 202 और गांव ‘म्हारा गांव, जगमग गांव’ योजना से जुड़े

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने पहली जुलाई, 2015 को कुरुक्षेत्र जिले के दयालपुर गांव से ‘म्हारा गांव, जगमग गांव’ योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत गांवों में बिजली की सभी पुरानी तारों की जगह नई एरियल बंच केबल लगाई जाती है, पुराने व खराब मीटरों को बदला जाता है और ग्रामीणों से बकाया बिजली बिलों का भुगतान करने का आग्रह किया जाता है। उसके बाद जैसे ही ग्रामीण फीडरों का लाइन लॉस कम होता है तो उसे तुरंत ‘म्हारा गांव, जगमग गांव’ योजना में शामिल कर गांव में बिजली का नया इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर 24 घंटे निर्बाध बिजली की सप्लाई शुरू कर दी जाती है।

सुशासन दिवस के मौके पर हरियाणा के 202 और गांव ‘म्हारा गांव, जगमग गांव’ योजना से जुड़े

उन्होंने बताया कि आने वाले 16 महीनों में शेष बचे 1965 गांवों में भी 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस स्कीम के प्रति ग्रामीणों के सकारात्मक रवैये और समय पर बिजली बिल जमा कराने की उनकी प्रतिबद्धता से यह कार्य संभव हो पाया है।