हिम्मत-ए-मर्दा तो मदद-ए-खुदा : किसी ने ठीक ही कहा है कि अगर मेहनत, जोश और लगन से इंसान किसी चीज़ को पाने की चाहत रखता हो तो ऊपरवाला भी उसकी मेहनत देख कर उस पर एक दिन कुर्बान ज़रूर हो जाता है और फिर उस इंसान ने बुलंदियां और कामियाबी हासिल करने के सपने संजोये होते हैं, वो अवश्य पूरे होते हैं।
अपनी मेहनत और लगन के बलबूते ही जम्मू की रहने वाली राधा चाडक तमाम मुश्किलों और परेशानियों से हार ना मानने वाली, अनेकों महिलाओं के लिए प्रेरणा का एक जीतता-जातता उदहारण है। 28 साल की राधा की शादी जम्मू के ही बूटा सिंह मन्हास से हुई। वह एयरफोर्स में नॉन कमीशंड अफ़सर सीपीएल थे।
शादी के कुछ समय बाद बूटा सिंह और राधा को कुछ समय बाद माता-पिता बनने का सुख प्राप्त हुआ और उन्हें एक बेटा हुआ। पर नियति को कुछ और ही मंज़ूर था। शादी के कुछ साल बाद हर्ट अटैक से उनके पति की मौत हो गई। राधा ने एलएलबी की हुई हैं और हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करती थीं। पति की मौत के बाद सब इंस्पेक्टर के लिए राधा को टेस्ट देना था, लेकिन वह बिना टेस्ट दिए वापस लौट आईं।
उन्होंने तय किया कि जिस ब्लू यूनिफॉर्म को उनके पति छोड़ गए हैं, उसे वही पहननी है। इस दौरान उन्होंने एयरफोर्स कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के लिए अप्लाई किया। इसके बाद तैयारी के लिए दिल्ली चली गईं। पहली बार में वह स्क्रिनिंग से बाहर हुईं। 2018 में फिर टेस्ट दीं और इस बार उन्हें बेहतर सफलता मिली। वह दिन में कोर्ट में प्रैक्टिस करती और रात में पढ़ाई करती।
साल 2019 में वह एसएसबी में सिलेक्ट हो गईं और 2020 में ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद एयरफोर्स एकेडमी पहुंच गईं। 18 दिसंबर को उनकी ट्रेनिंग पूरी हुई है। अब वह फ्लाइंग अफ़सर बन गई हैं। उनकी पहली पोस्टिंग चंडीगढ़ में हुई है।