विश्व का एक ऐसा देश,जहां पर है कचरे की भारी मात्रा में कमी, खरीदता है दूसरे देशों से

0
270

कूड़े कचरे की बढ़ती तादाद देश दुनिया को सोचने पर मजबूर कर रही है। जगह-जगह कूड़े के डंपिंग ग्राउंड बने हुए हैं। और कूड़े का ऐसा अंबार लगता है, जिसकी वजह से कई खतरे भी पनपने शुरू हो जाते हैं।

कूड़ा एक ऐसी जटिल समस्या है जिसे दूर करना बेहद जरूरी है। लेकिन एक समय में नामुमकिन सा भी लगता है। यहीं भारत का ही जिक्र करें तो यहां पर कूड़े की तादाद बहुत ज्यादा है।

विश्व का एक ऐसा देश,जहां पर है कचरे की भारी मात्रा में कमी, खरीदता है दूसरे देशों से

कूड़े को रिसाइकल कर उसे एनर्जी में कन्वर्ट करने की व्यवस्था ना के बराबर है। इसी वजह से बहुत मात्रा में वेस्ट कूड़ा हिंदुस्तान में पैदा होता है। ना सिर्फ हिंदुस्तान में बल्कि कई अन्य कंट्रीज में भी ऐसा ही होता है।

लेकिन इन सब के मामले में दुनिया का एक अकेला देश जिसने अपने भीतर एक ऐसी एनर्जी पैदा की है जिसकी वजह से वहां कूड़ा पैदा ही नहीं होता है। अगर होता भी है तो बहुत कम होता है। और इससे पूरी दुनिया को सीख लेनी चाहिए।

विश्व का एक ऐसा देश,जहां पर है कचरे की भारी मात्रा में कमी, खरीदता है दूसरे देशों से

आप सोच कर हैरान होंगे कि इस कंट्री में कूड़े की कमी होती है। इसीलिए उसे अन्य कंट्री से अन्य देशों से कूड़ा खरीदना पड़ता है, वेस्ट खरीदना पड़ता है।

अगर आप जानते हैं तो वो स्वीडन है। जी हां, हम स्वीडन का ही जिक्र कर रहे हैं। और क्या कुछ इसके पीछे की वजह हैं बातें हैं वह भी आपको बताते चलें।

विश्व का एक ऐसा देश,जहां पर है कचरे की भारी मात्रा में कमी, खरीदता है दूसरे देशों से

स्वीडन अपने सहयोगी नॉर्वे, जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस जैसे अन्य देशों से कचरे का आयात कर रही है। मौजूदा समय में उन्हें सभी आठ देशों से कचरा मंगवाना पड़ा। ऐसी स्थिति थी जहां रीसाइक्लिंग प्लांट को बंद करना पड़ा।

स्वीडन दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जिसे कचरा खरीदना पड़ता है। जबकि दुनिया भर के कई देश घरेलू कचरे के ढेर से पीड़ित हैं।

विश्व का एक ऐसा देश,जहां पर है कचरे की भारी मात्रा में कमी, खरीदता है दूसरे देशों से

दरअसल, स्वीडन में अपनी जरुरत की आधी से ज्यादा बिजली कचरे से बनाई जाती है। ऐसे में उसे अपने रिसाइकलिंग प्लांट्स को चालू रखने के लिए उनको कचरे की जरुरत पड़ती है।

अब उसके पास खत्म होने के कगार पर है। इसलिए उसने ब्रिटेन समेत कई यूरोपिय देशों से संपर्क साधा है। ताकि उन देशों से कचरे को मंगाकर अपने रिसाइकिंल प्लाट्ंस को चालू रख सके और अपने लिए बिजली बनाते रहे।

विश्व का एक ऐसा देश,जहां पर है कचरे की भारी मात्रा में कमी, खरीदता है दूसरे देशों से

अगर हमें भी मानवजाति और इस प्रकृति को बचाना है तो हमें भी कूड़े का सही इस्तेमाल कर, उसकी खपत कर रिसाइक्लिंग का माहौल घर-घर में तैयार करना होगा, ताकि हम सब जागरूक रहें।