गांव अमीपुर निवासी कारोबारी मनोज भाटी की हत्या मामले में क्राइम ब्रांच सेक्टर-30 के हत्थे चढ़ा धीरेंद्र उर्फ अजय फौजी पहले आर्मी में पैरा कमांडो था। मूलरूप से भोपा उत्तर प्रदेश निवासी अजय ने साल 2016 में जम्मू-कश्मीर के कूपवाड़ा जिले में पोस्ट पर ड्यूटी के दौरान एके-47 से फार्च्यूनर कार में बैठे आठ लोगो पर फायरिंग कर दी थी। और उनमें से पांच की मौत हो गई थी।
जिनमें से एक मृतक जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला का एक रिश्तेदार भी था। इस मामले में साल 2016 में अजय फौजी का कोर्ट मार्शल कर आर्मी कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस समय वह सेंट्रल जेल अंबाला में सजा काट रहा था।
दूसरी, तरफ साल 2013 में हुए शशि नागर हत्याकांड में गैंगस्टर मनोज मांगरिया को उम्रकैद की सजा हुई थी। जिले की नीमका जेल में ना रखकर उसे अंबाला सेंट्रल जेल में रखा गया था। वही अजय फौजी की मुलाकात मनोज मांगरिया से हुई।
मनोज मांगरिया को पता लगा कि अजय फौजी आर्मी से है तो उसे वह काम का आदमी लगा। मांगरिया ने अजय फौजी को 15 लाख रुपये और दिल्ली में फ्लैट का लालच दिया और अपना शूटर बना लिया।
क्राइम ब्रांच सेक्टर-30 प्रभारी विमल कुमार और सेक्टर-17 क्राइम ब्रांच प्रभारी संदीप मोर की टीम ने शनिवार को मुजफ्फरनगर यूपी के खतौली में छापेमारी कर अजय फौजी और सोनीपत के पीपलीखेड़ा निवासी आरोपी आर्यन उर्फ बिट्टू को गिरफ्तार किया। क्राइम ब्रांच का दावा है कि दोनों मनोज भाटी की हत्या में मुख्य शूटर थे।
वारदात को अंजाम देकर वे फार्च्यूनर कार में मनोज मांगरिया के साथ फरार हुए थे। मनोज उन्हें रास्ते में उतारकर अज्ञात जगह छिपने चला गया। खतौली में अजय की ससुराल है। इसलिए वो खातौली जाकर छिपा। क्राइम ब्रांच ने दोनों को दो दिन की रिमांड पर लिया है। इससे पहले चार अन्य आरोपित भी क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ चुके हैं।
क्राइम ब्रांच के मुताबिक दूसरा शूटर आर्यन उर्फ बिट्टू हरियाणा के कुख्यात अनिल छिप्पी गिरोह का शार्प शूटर है। वह लंबे समय से मनोज मांगरिया के संपर्क में भी था। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि दिल्ली, यूपी व हरियाणा में वह अब तक हत्या व लूट जैसी 10 वारदात को अंजाम दे चुका है।
पर वो किसी भी मामले में गिरफ्तार नहीं हुआ। वह जहां भी रहता था, नाम बदलकर रहता था। मनोज मांगरिया ने उसे भाटी की हत्या के लिए खासतौर पर बुलाया था। पहले सभी बदमाश खतौली में इकट्ठे हुए। इसके बाद फरीदाबाद आकर मनोज भाटी की रैकी कर हत्या को अंजाम दिया।