नगर निगम आए दिन सवालों के कठघरे में घिरा रहता है। निगम द्वारा किए जा रहे विकास कार्य हमेशा से फरीदाबाद की आवाम की आँखों में खटकते आए हैं। बात की जाए इन विकास कार्यों में हो रहे विलंभ की तो उसका अहम कारण पैसों की तंगी को बताया जा रहा है।
फरीदाबाद नगर निगम पिछले काफी समय से उधार में डूबा हुआ है जिसके चलते क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्यों पर विराम लग गया है। अब ऐसे में नगर निगम द्वारा पुरजोर कोशिश की जा रही है कि वह पैसे इकठ्ठा कर क्षेत्र के निर्माणाधीन कार्यों को गति प्रदान कर सके।
महामारी के दौर में संपत्ति कर के रूप में 35.5 करोड़ रूपये की वसूली की गई है। आपको बता दें कि नगर निगम को क्षेत्रवासियों से 200 करोड़ रूपये का संपत्ति कर वसूलना है। कर की वसूली के लिए जनवरी माह से जगह जगह शिविर लगने की बात कही जा रही है।
इसी के चलते निगमायुक्त यश गर्ग ने बल्लभगढ़, ओल्ड, एनआईटी जैसे क्षेत्रों के अधिकारियों के साथ मिलकर संपत्ति कर वसूलने की सलाह दी है। इसी के साथ निगमायुक्त ने बताया कि अब संपत्ति कर के पूरे सिस्टम को ऑनलाइन कर दिया गया है। इससे बड़ी संख्या में बकायेदार संपत्ति कर जमा कराने के लिए आगे आ रहे हैं।
महामारी से पूर्व निगम द्वारा अलग अलग स्थानों पर शिविर लगाए जाते थे साथ ही साथ सीवर का प[आणि देने के लिए कनेक्शन लगाए जाते थे। बीमारी के संक्रमण के चलते इन सभी शिविर आयोजनों पर विराम लगा दिया गया। बताया जा रहा है कि नए साल में पुनः यह शिविर लगवा दिए जाएंगे।
आपको बता दें कि फिलहाल नगर निगम कर्जे में डूबा हुआ है जिसका असर विकास कार्यों पर पड़ता नजर आ रहा है। पैसे इकठ्ठे करने के लिए निगम पूरी कोशिश कर रहा है पर तमाम कोशिशों के बावजूद भी नगर निगम विफल होता नजर आ रहा है। क्षेत्र में ऐसे बहुत सारे प्रोइजेक्ट हैं जो फिलहाल नगर निगम प्रणाली के अंदर आते हैं।
उन्हें लेकर निगम द्वारा प्रखर रूप से कदम नहीं उठाए जा रहे। कारण साफ़ है नगर निगम किसी भी तरीके से भुगतान नहीं कर पाया है। विकास कार्य पर लगने वाला पैसा उड़ाया जा चुका है और अब निगम के ऊपर तलवार लटकी हुई नजर आ रही है।