एसडीएम अपराजिता के मार्गदर्शन में उपमडंल में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान का लिंगानुपात बढाने में बेहतर तरीक़े से क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसी कड़ी में अब उपमडंल के ग्रामीण क्षेत्र में बेटियों के नाम पर परिवारों की सहमति से घरों पर नेम प्लेटें लगाई जाएगीं। उन्होंने आमजन से भी अपील करी है कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को सफल बनाने में अपना सहयोग दें। उपमडंल मे उपायुक्त यशपाल के दिशा निर्देशो पर सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान को सफल बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।
महिला एवं बाल विकास विभाग की डब्ल्यूसीडीपीओ शकुंतला रखेजा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि विभाग की सुपरवाइजर, आगँनबाड़ी वर्कर और हेल्पर घर घर जाकर इस अभियान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान के तहत बल्लभगढ़ के ग्रामीण क्षेत्र में एसडीएम अपराजिता के मार्ग दर्शन में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कम लिंगानुपात वाले गांव में बेटियों के जन्म पर कुआं पूजन कार्यक्रम मनाए जा रहा है। बल्लभगढ़ उपमडंल के ग्रामीण क्षेत्र की डब्ल्यूसीडीपीओ शकुंतला रखेजा ने कहा कि कहा कि हमें बेटा बेटी में फर्क नहीं समझना चाहिए। बेटियाँ बेटो से किसी भी क्षेत्र में कम नही हैं। उन्होंने कहा कि जहाँ नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते है। बेटी के जन्मोत्सव को केक काट कर मनाया जा रहा है। कार्यक्रमो के जरिये माताओं और गर्भवती महिलाओं को सम्मानित किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मातृत्व योजना, आपकी बेटी हमारी बेटी स्कीमों बारे तथा कोविड-19 के संक्रमण के बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बेटियों के जन्मदिन पर भी बेटों के जन्मदिन की तरह पौधारोपण करें और सामाजिक सरोकार के परम्परागत कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को प्रेरित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि आगँनबाड़ी वर्करों के माध्यम से गांव में सभी गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण कर उन्हें मातृत्व योजना बारे प्रेरित किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास के कर्मचारियों के जरिये गांव में भ्रुण हत्या करने वालों की गुप्त सुचना ली जा रही है ताकि उनके खिलाफ सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार सख्त कार्यवाही की जा सके। किशोरियों और महिलाओं को महावारी के दौरान सेनेटरी पैड देकर शारीरिक स्वच्छता बारे जागरूक किया जा रहा है।
महिला एवं बाल विकास विभाग की अधिकारी व कर्मचारी जनप्रतिनिधियों तथा स्वंय सेवकों और प्रमुख संस्थानों के सहयोग से समय-समय पर जनसन्देश देने, गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उनके पंजीकरण कर उनकी नियमित देखभाल करने का काम कर रही हैं। बेटियों के जन्मदिन मनाने तथा इसके अलावा स्वास्थ्य और स्वच्छता सम्बंधित नियमित बैठकें कर पोक्सो एक्ट 2012 बारे आमजन को अधिक से अधिक जागरूक कर रही हैं। उन्होंने बताया कि इस अभियान में अच्छा कार्य करने वाले लोगों को प्रेरित प्रोत्साहित किया जाएगा और जानबुझ कर इस संबंध में कोताही बरतने वालों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही अमल में लाई जा रही है।