योग से ही होगा : भागदौड की ज़िंदगी में स्वस्थ रहें, निरोग रहें और करते रहें योगाभ्यास

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योग एक आद्यात्मिक शब्द है और ये जीवन जीने का एक तरीका है, जिसका एक ही उद्देश्य है। स्वस्थ शरीर मे स्वस्थ मन। मनुष्य एक शारिरिक, मानसिक और अद्यात्मिक प्राणी है, योग के माध्यम से शरीर और मन मे सामंजस्य स्थापित होता है। आज की भागदौड की ज़िंदगी मे योग ही रोग से दूर रख सकता हैं। योग का जन्म प्राचीनकाल भारत मे हुआ था और एआज योग विदेशों तक पहुँच गया हैं। दिन प्रतिदिन योग का महत्व बढ़ता जा रहा हैं। वैज्ञानिक दृष्टी से भी प्रभावकारी सिद्ध हो चुका हैं। डॉक्टर्स भी अपने मरीजों को योग के लिये प्रोतसाहित करते हैं।

योग से ही होगा : भागदौड की ज़िंदगी में स्वस्थ रहें, निरोग रहें और करते रहें योगाभ्यास

योग की ख्याति अब अंतराष्टीय स्तर पर है और अब आधिकारिक रूप से योग को एक खेल के रूप मे मान्यता दे दी हैं। योग फेडरेशन ऑफ इंडिया के तहत होने वाले 36th हरियाणा स्टेट योगाआसन स्पोर्ट्स चैंपियनशिप ऑनलाइन लाइव 26 एवं 27 दिसंबर में एक बार फिर से 35 से 45 आयु वर्ग में वीणा डोडाथोथा ने फरीदाबाद की तरफ से दूसरा स्थान अर्जित कर सिल्वर मेडल जीता और वही से 25 से 30 आयु वर्ग मे सुमन बाला ने तीसरा स्थान अर्जित कर ब्रोंज मैडल पर अपना कब्जा किया।

योग से ही होगा : भागदौड की ज़िंदगी में स्वस्थ रहें, निरोग रहें और करते रहें योगाभ्यास

सुमन बाला और वीना डोडाटोटा, पिछले माह फरीदाबाद स्तर पर हुई प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हांसिल कर चुकी थी। दोनों ही खिलाड़ियों ने फरीदाबाद का नाम रोशन कर, अगले माह होने वाली नेशनल योगासन स्पोर्ट्स चमपिनशिप मे खेलने के लिए अपनी जगह सुरक्षित की। फरीदाबाद के लिए गर्व की बात है कि महिलाएं हर क्षेत्र मे अपना नाम कर रही हैं। सुमन बाला और वीना डोडाटोटा दोनों ही पूरी प्रथम, सेक्टर 84 की निवासी हैं।

योग से ही होगा : भागदौड की ज़िंदगी में स्वस्थ रहें, निरोग रहें और करते रहें योगाभ्यास

करमोक्षा हीलिंग स्टूडियो, जो एक योग ओर नेचुरोपैथी सेन्टर हैं के रोहित रावत ने अपने सभी बचचों को योग का न केवल सदुपयोग करना बताया है अपितु पूरी मेहनत और लगन से लगातार उनका हुनर को देश विदेश तक पहुचाना चाहते है।

योग से ही होगा : भागदौड की ज़िंदगी में स्वस्थ रहें, निरोग रहें और करते रहें योगाभ्यास

सही मायने मे एक सार्थक गुरु का कीरदार निभा रहे है। आज के समाज मे हमे ऐसे गुरु और मार्गदर्शक की आवश्यकता हैं, जो हर क्षेत्र और आयु वर्ग के टैलेंट को ले कर आगे आये और स्वस्थ समाज को बनाने मे अपना योगदान दे।