इन दिनों जहां चारों तरफ किसान आंदोलन की चर्चा से हर किसी के चेहरे पर चिंता की लकीरें तनी हुई दिखाई दे रही है इस बीच डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला बयान दे रहे हैं कि उन पर किसान आंदोलन को लेकर किसी भी तरह का राजनीतिक दबाव ना तो बना है ना ही बन पाएगा। उन्होंने तो यह तक कह दिया कि एक महीना तो दूर कोई 5 साल तक भी हरियाणा गठबंधन सरकार को तोड़ नहीं सकता।
उन्होंने किसानों को गुमराह करने का सारा श्रेय विपक्ष को दिया और कहा कि विपक्ष दल षड्यंत्र रच रहे हैं और किसानों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। चौटाला ने यह भी कहा कि 30 दिन में सरकार गिरने का दावा करने वाले और हर रोज यही सपना देखकर सोने वाले विपक्ष को समझ लेना चाहिए कि गठबंधन की सरकार पूरे पांच साल चलेगी।
उन्होंने कहा कि चौधरी देवीलाल और डा. मंगलसेन ने प्रदेश के हितों के लिए इस्तीफे दिए थे। हम किसानों के हितों से किसी तरह का खिलवाड़ नहीं होने देने के हक में हैं, लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं है कि विपक्ष किसानों के कंधों को राजनीति के लिए इस्तेमाल करता रहे। उन्होंने कहा कि वह किसानों की भलाई के लिए हमेशा तत्पर थे तत्पर है और तत्पर रहेंगे।
दुष्यंत चौटाला ने आगे कहा कि प्रदेश में बहुत से ऐसे राजनेता हैं जो सरकार के गठन के समय ही कह रहे थे कि 30 दिन में सरकार गिरा देंगे मगर उनके अरमानों पर पानी फिर गया। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार पूरी तरह से मजबूत है और गठबंधन कायम रहेगा और यह गठबंधन सरकार पूरे पांच साल चलेगी।
किसान आंदोलन को लेकर जब उनसे पूछा गया तो दुष्यंत ने कहा कि किसान हित में इन कानूनों में कई सुधार होने चाहिए। हम किसानों के साथ हैं। जेजेपी ने केंद्र सरकार को कृषि कानूनों में बदलाव के लिए कई सुझाव भी दिए है।
डिप्टी सीएम चौटाला के द्वारा दी जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार इनमें बदलाव के लिए तैयार भी है। सभी 40 किसान संगठनों को बातचीत के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस आंदोलन का हल केवल बातचीत है बिना बातचीत किए किसी भी नतीजे पर पहुंचना नामुमकिन है
ऐसे में जरूरत है कि समस्या का समाधान बातचीत के जरिए ही किया जाए। यहां तक उन्होंने यह भी कह दिया कि अगर प्रदेश और किसानों के हितों पर कोई बात आएगी तो मैं सबसे पहले इस्तीफा देने वालों में शामिल रहूंगा।