अधिकांश लोगों ने कभी ना कभी यह बात तो जरूर सुनी होगी कि अपनी छाछ खट्टी कौन बताता है। अगर इसका सामान्य अर्थों में मतलब समझाया जाए तो होता है कि अपना सामान अपनी दुकान अपना मकान भला किसे प्यारा नहीं होता इसलिए हर व्यक्ति हर क्षेत्र में अपने आप को ही बेहतर रखता है ।
और रखने का प्रयास भी करता है। अगर इसका उदाहरण एक झोपड़ी में रहने वाले व्यक्ति से पूछा जाए तो वह यही कहेगा कि उसके लिए झोपड़ी किसी महल के समान ही है। परंतु कौन समझाए हमारे हरियाणा के छोटे सरकार ( दुष्यन्त चौटाला ) को जो खुद तो हरियाणा की माटी में पले बढ़े हैं और अब उन्हें गुजरात के पर्यटन स्थलों से लगाव होने लगा है।
विगत दो दिन पहले गुजरात टुरिज्म ने एक ट्वीट करके हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला को धन्यवाद देते हुए कहा कि ” हम हरियाणा के उपमुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते है उन्होंने कच्छ के होने वाले रण महोत्सव के बारे में कहा कि ” मैं सभी देशवासियों से कहूंगा कि यदि आपने गुजरात के कच्छ में रन महोत्सव नही देख उसने भारत के एक खूबसूरत हिस्से को नही देखा
ख़ैर यह बात तो सही हैं कि गुजरात टुरिज्म की स्तिथि काफी अच्छी है वहाँ की सरकार को करोडो रुपये का फायदा टूरिस्टों से होता है लाखो की संख्या में सैलानी वहाँ पर घूमने आते है वही अगर बात की जाए हरियाणा के टुरिज्म की तो उसकी खस्ता हालात ही देखने को मिलती है ।
लेकिन प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के लिए यह कहना काफी नही होगा कि गुजरात नही देखा तो कुछ नही देखा बल्कि उनको हरियाणा के टुरिज्म पर भी उतना काम करने की आवश्यकता है ताकि यहाँ पर भी अच्छी खासी संख्या में सैलानी हर हाल हरियाणा की सैर जमी को देखने एक बार जरूर आये ।
सरकार से एक सवाल यह बनता है कि जब हरियाणा में इतना कुछ भी देखने के लिए तो क्यों इस एक हिस्से को अनदेखा कर रही है क्यों इस और सरकार ध्यान नही दे रही , हरियाणा सरकार को गुजरात के टुरिज्म से कुछ सिख जरूर लेनी चाहिए