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उम्र है 85, लेकिन हौसला कम नहीं! गांव में पानी की कमी के चलते बुज़ुर्ग ने अकेले खोद दिए 16 तालाब

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इतिहास के पन्नों को जब भी पलटा जाता है तो कई जवान कई वीरांगना, उन पन्नों में शामिल मिलते हैं। देश भारत कुछ है ही ऐसा, इसकी मिट्टी है ही ऐसी, कि ये मिट्टी कुर्बानी चाहती है। शहादत चाहती है, और हर किसी के नाम में एक रवानगी भी चाहती है।

रवानगी का मतलब जो लोग अपने किरदार की खुशबू से अन्य लोगों को महका देते हैं। इस समय को महका देते हैं। उन लोगों का नाम सदा-सदा के लिए इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो जाता है। हम जिस इंसान की, जिस इंसान के व्यक्तित्व की बात कर रहे हैं।

उम्र है 85, लेकिन हौसला कम नहीं! गांव में पानी की कमी के चलते बुज़ुर्ग ने अकेले खोद दिए 16 तालाब

वह है कर्नाटक के कामेगौड़ा, पेशे से किसान है। साधारण से दिखने वाले हैं। नार्मल से परिवार से आते हैं। उम्र 85 साल है लेकिन काम जज्बा 16 साल की किशोरावस्था के बच्चे की तरह और उस जज्बे को ना हम बल्कि पूरा देश सलाम कर रहा है सलाम इसलिए नहीं क्योंकि वह एक अच्छे इंसान हैं बल्कि सलाम इसलिए भी जिस उम्र में लोग घरों में बैठे रहते हैं,

लोग पार्क में जाकर ताश पत्तियां खेलते हैं, लोग सिर्फ और सिर्फ अपने नाती-पोतों को गोद में खिलाते हैं। कामेगौड़ा लोगों के बीच में रहकर अपने ग्रामवासियों के बीच में रहकर तालाब खोदने का काम कर रहे हैं जिससे कि किसी के भी जीवन में पानी की कमी ना हो पाए।

आंकड़ों का जिक्र करे तो अब तक कामेगौड़ा ने कुल 16 तालाब खोद दिए हैं। जिनमें भरपूर मात्रा में पानी है। और इससे ना सिर्फ ग्रामीण खुश है बल्कि राज्य सरकार भी बहुत ही ज्यादा खुश है और राज्य सरकार की तरफ से कामेगौड़ा को बहुत सारी सहायता प्रदान करने की बात कही है और क्या कुछ कहा है हम आपको आगे बताते हैं। बतादें कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस.येदियुप्पा ने उनके कामों की सराहना करते हुए कर्नाटक स्टेट ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ने कामेगौड़ा को राज्य सरकार की बसों की सभी श्रेणियों में आजीवन फ्री पास देने का फैसला किया।

उन्हें “Man Of Pond” कहते हुए सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक शिवयोगी सी. कलासाद ने कहा, “उनकी सेवा को पहचानने के लिए, मैं केएसआरटीसी बसों में यात्रा के लिए आजीवन मुफ्त बस पास जारी किया है.” उनकी सराहना खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। पीएम मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान कामेगौड़ा की तारीफ़ करते हुए उन्हें सलाम किया। तो ऐसे लोग ही इतिहास बनाते हैं और सदियों के लिए याद रखे जाते हैं।

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