साल 2020 अपने पीछे यादों का पिटारा छोड़ता हुआ जा रहा है। यादें कुछ खट्टी और कुछ यादें ऐसी भी हैं जिन्होंने इंसानियत पर किये जाने वाले विश्वास को और अटल बनाया। खट्टी मीठी यादों से भरा वर्ष 2020 एक साल नहीं बवाल है।
बात की जाए स्मार्ट सिटी फरीदाबाद की तो पूरे साल स्मार्ट सिटी ने मौसम के साथ जनता, आवाम और आलाकमान हर किसी को रंग बदलते देखा। जब बात हो फरीदाबाद की यादों की तो उन्हें पहचान फरीदाबाद ने हमेशा अपने चश्मे में उतार कर देखा है। साल भर की यादों का लिखा जोखा…….
सूरजकुंड में सजा खुशियों का रंग

जब भारत में आया बिन बुलाया मेहमान

मेहमान से निपटते आलाकमान

सड़कों पर आए मजबूर हुए मजदूर

जब जोड़ा इंसानियत से नाता

बारिश में सड़कें बनी तालाब

आँखों के आगे गिरते रहे सपनों से भरे मकान

एक बेटी को गवाकर मातम में डूब गया फरीदाबाद

जगह जगह जला कूड़ा रह गया स्वच्छ भारत का सपना अधूरा

किसानों के आंदोलन से विदा हो रहा है साल
