नौकर पर है हत्या का आरोप, क्राइम ब्रांच ने गाज़ियाबाद से निकाला संपत्ति का रिकॉर्ड

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फरीदाबाद के चार्मवुड विलेज निवासी बुजुर्ग सरदार गुरुबचन सिंह की हत्या के मामले में क्राइम ब्रांच डीएलएफ की टीम ने गाजियाबाद तहसील से संपत्ति के जरूरी रिकॉर्ड हासिल कर लिए हैं। गुरुबचन सिंह की हत्या का आरोप उनके नौकर पर है।

आरोपी नौकर ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर गाजियाबाद से फर्जी कागजात बनवाकर संपत्ति अपने नाम कर ली थी। पुलिस ने संपत्ति से संबंधित ज़रूरी कागजात बरामद कर लिए हैं। इसमें जांच की जाएगी कि संपत्ति के फर्जी कागजात बनवाने में अन्य कौन-कौन शामिल है।

वहीं गाजियाबाद के पटवारी व तहसीलदार से भी कभी भी पूछताछ हो सकती है। रिकॉर्ड की जांच के बाद क्राइम ब्रांच नौकर व उसके साथियों को प्रोडक्शन वारंट पर लेगी। हत्या के बाद आरोपियों को क्राइम ब्रांच ने 17 नवंबर को गिरफ्तार किया था, लेकिन उनके कोविद संक्रमित पाए जाने के कारण उन्हें क्वारंटीन करना पड़ा था।

ऐसे में उनसे अभी पूछताछ नहीं हो पाई थी। रिमांड अवधि पूरी होने के कारण उन्हें अस्पताल से सीधा जेल भेज दिया था। मृतक बुजुर्ग का शव भी अभी पुलिस के हाथ नहीं लगा है। ऐसे में पुलिस एक एक कड़ी को जोड़कर केस को सुलझाने की कोशिश में लगी है।

नौकर पर है हत्या का आरोप, क्राइम ब्रांच ने गाज़ियाबाद से निकाला संपत्ति का रिकॉर्ड

चार्मवुड विलेज सूरजकुंड निवासी बुजुर्ग गुरुबचन सिंह 29 अगस्त को लापता हो गए थे। यहां उनके साथ कोई नही रहता था। वह रेलवे से रिटायर्ड कर्मचारी थे। उनके परिवार में बस एक बहन हैं, जो अपने पति रविंदर के साथ सुशांत लोक गुरुग्राम में रहती हैं।

मृतक के जीजा रविंदर की शिकायत पर सूरजकुंड थाना पुलिस ने गुरुबचन सिंह की गुमशुदगी का मामला दर्ज कर तलाश शुरू की। क्राइम ब्रांच डीएलएफ प्रभारी अनिल कुमार की टीम को गुरुबचन के नौकर भरत उर्फ मोनू पर शक हुआ।

पूछताछ करने पर पता लगा कि उसने दिल्ली जैतपुर निवासी राहुल और दीपक के साथ मिलकर 29 अगस्त को गुरुबचन सिंह का अपहरण किया और फिर उनकी हत्या कर दी थी। घटना के बाद उन्होंने शव को अनूपशहर के पास गंगनहर में फेंक दिया था।