डर के आगे जीत है यह कहना है जिले के कई जाने माने उद्योगपतियों का। कोवैक्सीन को लेकर अगर कोई डर मन में है तो उसको निकाल बाहर करो। क्योंकि कोवैक्सीन लगवाना हमारा दायित्व है। क्योंकि इस ट्रायल के सफल होने के बाद देश में महामारी से लड़ने के लिए कोवैक्सीन बाजार में आ जाएगी।
इसी डर को खत्म करने के लिए शुक्रवार को एनआईटी 3 नंबर स्थिति ईएसआईसी अस्पताल व मेडिकल काॅलेज में एफआईए प्रधान बी.आर. भाटिया अपनी पत्नी रमा भाटिया और भाई विपिन भाटिया को कोवैक्सीन लगवाने के लिए पहुंचें।
एफआईए प्रधान बी.आर. भाटिया ने बताया कि उन्होनंे 29 दिसंबर को कोवैक्सीन लगवाई थी। जिसके बाद उन्होंने इसके बारे में अपने परिवार व दोस्तों को कोवैक्सीन लगवाने के लिए प्ररित किया।
उन्होंने बताया कि वह आज अपनी पत्नी रमा भाटिया, भाई विपिन भाटिया, अरूण आनंद, हरियाणा मैन्युफेक्चर्स एसोसिएशन के पूर्व प्रधान जगत मदान की पत्नी सुर्दशन मदान, और सुरेश अहुजा ने कोवैक्सीन लगवाई।
एफआईए प्रधान बी.आर. भाटिया की पत्नी रमा भाटिया ने बताया कि कुछ दिन पहले उनके पति ने कोवैक्सीन को लगवाया था। जिसके बाद उन्होनंे प्रेरित होकर आज कोवैक्सीन लगवाई है। उन्होंने कहा कि वह कंपनी में काम करने वाले लोगों से गुजारिश की है कि वह ज्यादा से ज्यादा संख्या में आकर कोवैक्सीन को लगवाए।
हरियाणा मैन्युफेक्चर्स एसोसिएशन के पूर्व प्रधान जगत मदान की पत्नी सुर्दशन मदान का कहना है कि उन्होंने कोवैक्सीन को लेकर उन्होंने काफी सुना है। जिसके चलते वह आज कोवैक्सीन को लगवाने आई हैै। इस कोवैक्सीन को लेकर जो भी मन में भ्रम है उसको निकाल दे क्योंकि वह बिलकुल सेफ है।
एफआईए प्रधान बी.आर. भाटिया के भाई विपिन भाटिया ने बताया कि कोवैक्सीन लगवाना हमारा दायित्व बनता है समाज के लिए। जहां पर आकर पहल करें क्योंकि इस पहल के बाद ओर लोग भी आकर कोवैक्सीन को लगवा सकते है।
उद्योगपति सुरेश अहुजा ने बताया कि आज मैनें ईएसआईसी अस्पताल व मेडिकल काॅलेज में आकर कोवैक्सीन के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त की। जानकारी प्राप्त करने के बाद मैने कोवैक्सीन को लगवाया है। यह कोवैक्सीन पूरी तरह से सेफ है।
उद्योगपति अरूण आनंद ने बताया कि कोवैक्सीन सेफ नहीं है इसी वजह आज में कोवैक्सीन को लगवाने आया हूं। क्योंकि कोवैक्सीन अगर हम जैसे लोग नहीं लगवाएंगें तो कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी कैसै कोवैक्सीन को सेफ मानेंगें। इसी वजह से में आज कोवैक्सीन को लगवाने के लिए आया हूं।
वहीं एफआईए प्रधान बी.आर. भाटिया ने रजिस्ट्रार डाॅक्टर ए.के. पांडे को एक अपनी तरफ से सुझाव दिया कि खून की जांच करने के बाद हाथ पर खून को रोकने के लिए कोटन का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। ताकि लोगों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। इसको लेकर डाॅक्टर ए.के. पांडे ने तुंरत प्रभाव से कोटन को मंगवाया।
डाॅक्टर ए.के पांडे ने बताया कि 29 दिसंबर को एफआईए प्रधान बी.आर. भाटिया व अन्य उद्योगपतियों के द्वारा जो कोवैक्सीन को लगवाया था। उसके बाद से उनके वह कंपनी में काम करने वाले लोग भी प्ररित होकर कोवैक्सीन को लगवाने के लिए काफी संख्या में आ रहे है।