चुनाव में करारी हार के बाद एमएसपी बदलने पर बोले खट्टर ” मैं छोड़ दूंगा राजनीति “

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किसानों के लिए अब हर कोई हमदर्द बनने का ढोंग करने से तनिक भी नहीं चूक रहा है। ऐसे में किसानों से लेकर आम आदमी की नजरें जे जे पी सरकार पर टकटकी लगाए बैठी हुई थी। परंतु अब अचानक हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी किसानों की हित की बात करते हुए राजनीति से संन्यास लेने तक की बात बोल रहे हैं।

दरअसल, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसानों के लिए एमएसपी यानी कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी सुनिश्चित करने में असमर्थ होने पर राजनीति से संन्यास लेने तक की बात कह दी है।

चुनाव में करारी हार के बाद एमएसपी बदलने पर बोले खट्टर " मैं छोड़ दूंगा राजनीति "

वास्तव में यह बयान उस वक्त सामने आया
जब सत्तारूढ़ दल को हरियाणा के पांच नगर निकाय चुनाव में से तीन में करारी हार के बाद मुंह की खानी पड़ी। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ए एन आई के माध्यम से कहा कि हम एमएसपी जारी रखने के पक्ष में हैं और किसी ने इस व्यवस्था को खत्म करने का प्रयास किया तो वह सियासत छोड़ देंगे।

हरियाणा के छोटे सरकार (दुष्यन्त) भी कुछ ऐसा ही बयान दे चुके हैं। छोटे सरकार यानी कि डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने भी कहा था कि जब तक वह सत्ता में विराजमान है। तब तक वह किसानों के लिए फसलों पर एमएसपी सुनिश्चित करवाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि जिस दिन भी वह ऐसा कर पाने में असमर्थ साबित होते हैं तो वह अपने पद से ही हमेशा के लिए इस्तीफा दे देंगे।

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गौरतलब, मेयर के तीन चुनावों में से दो में सत्तारूढ़ गठंधन को हिसार के उकलाना और रेवाड़ी के धारुहेरा में मिली है. इन दोनों को चौटाला की पार्टी जेजेपी का गढ़ माना जाता है. सत्तारूढ़ दल सोनीपत और अंबाला में मेयर का चुनाव भी हार गया है।

उधर, हार के उपरांत अंबाला से बीजेपी विधायक असीम गोयल ने कहा था कि संभवतः दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन ने चुनाव पर बेहद मजबूत आधार असर डाला है। गोयल ने कहा, “सरकार जब अच्छा काम करती है, तो हर कोई एकजुट होकर उसे लक्ष्य पाने से रोकने की कोशिश में जुट जाता है।

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उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा में यह सब कुछ उसी का अंजाम है जो यह नजारा देखने को मिल रहा है। असीम गोयल ने अपनी बात रखते हुए कहा कि उनका एजेंडा बेमतलब है, उनका कोई वास्तविक लक्ष्य नहीं है, वे बस बीजेपी को रोकना चाहते हैं। उनका मानना है कि पहले बीजेपी का सामना करो और आपसी मतभेद बाद में बाद में भी सुलझाए जा सकते हैं।