संयुक्त राष्ट्र बाल कोष द्वारा पूरे विश्व में 3,71,504 बच्चों के जन्म लेने का अनुमान लगाया जा रहा है। बाल कोष द्वारा नए साल यानि कि 2021 में पैदा होने वाले बच्चों का एक क्रमांक जारी किया गया है।
लगभग 60,000 बच्चों का जन्म अकेले भारत मे ही होने जा रहा है। आपको बता दें कि बाकी देशों के मुकाबले भारत में यह आंकड़ा काफी ज्यादा है। वहीं, इस साल कुल मिलाकर 140 मिलियन यानी कि 14 करोड़ बच्चे 2021 में पैदा होने की भी उम्मीद है।
यूनिसेफ के आंकड़ों की बात की जाए तो नए साल पर प्रशांत क्षेत्र में फिजी द्वारा 2021 में सबसे पहले बच्चे का स्वागत किया जाएगा। बात की जाए अमेरिका की तो साल का सबसे आखरी बच्चा अमेरिका में ही जन्म लेगा।
यूनिसेफ ने कहा कि दुनियाभर में नए साल के पहले दिन आधे से अधिक बच्चे 10 अलग अलग देशों में जन्म ले सकते हैं। बात की जाए आंकड़ों और क्रमांक की तो सबसे ज्यादा संख्या भारत (60 हजार) की है।
वहीं दूसरे स्थान पर चीन (35, 615), नाइजीरिया (21,439), पाकिस्तान (14, 161), इंडोनेशिया (12,336), इथियोपिया (12,006), यूएस (10,312), मिस्र ( 9,455) और बांग्लादेश में (9,236) बच्चे जन्म लेंगे।
यूनिसेफ ने कहा, भारत में शुक्रवार को पैदा होने वाले बच्चे 80.9 वर्ष तक जीवित रह सकते हैं। इस वर्ष यूनिसेफ द्वारा अपनी 75 वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक हेनरीटा फोर ने कहा कि जन्म लेने वाले बच्चे एक साल पहले की तुलना में अलग दुनिया मे प्रवेश करेंगे।
माहमारी के दौर में हर कोई परेशानियों और समस्याओं से घिरा हुआ है। कोविद के साथ साथ अब 200 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक स्ट्रेन ने ब्रिटेन में दस्तक दे दी है। अब ब्रिटेन के बाद इस बीमारी के कुछ अंश अलग अलग देशों में भी पाए जा चुके हैं।
ऐसे में देख रेख के साथ बीच बचाव किया जा रहा है ताकि आम आवाम की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा सके।