नियमों का अंधाधुंध उल्लंघन बना क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण के लिए करोड़पति बनने का कारण

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फरीदाबाद: जिले में नियमों का उल्लंघन करने पर वाहन चालकों के चालान के रूप में हुई वसूली क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण के लिए करोड़पति बनने का जरिया बन गई। बीते वर्ष यानी कि वर्ष 2020 में 2 करोड़ 5 लाख 62 हजार रुपये वसूली के रूप में प्राप्त किए गए थे।

वही यह आंकड़ा 2019 के मुकाबले दोगुना से भी अधिक था। वजह साफ है 2020 में विभाग द्वारा खूब सख्ती बरती गई थी। इसका परिणाम यह रहा कि नियमों के उल्लंघन करने वालों पर नकेल कसने पर आज हालात में सुधार देखने को मिल सकते हैं।

नियमों का अंधाधुंध उल्लंघन बना क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण के लिए करोड़पति बनने का कारण

वही परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने इसका एक कारण खुद इस मामले में सक्रिय होना भी है। उन्हाेंने बताया कि फरीदाबाद-गुरुग्राम में कई ओवरलोडिंग गाड़ियों को पकड़वाया था। औचक निरीक्षण किए थे।

इसके बाद प्राधिकरण के अधिकारी सख्त हो गए। एक वजह आमजन की सुरक्षा भी थी। अक्सर ऐसे वाहन सड़क पर अन्य वाहन चालकों के लिए खतरा बन जाते हैं।

नियमों का अंधाधुंध उल्लंघन बना क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण के लिए करोड़पति बनने का कारण

गौरतलब, 2019 में प्राधिकरण की ओर से 221 चालान किए गए थे, इनसे 86 लाख 98 हजार रुपये वसूले गए। 2020 में 506 चालान किए गए और इनसे 2 करोड़ 5 लाख 62 हजार रुपये की वसूली की गई। बता दें प्राधिकरण ओवरलोडिंग सहित बिना परमिट व अन्य नियमों की अवेहलना करने वाली बसें, टैक्सी के भी चालान करता है।

क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण के सचिव जितेंद्र गहलावत का कहना है कि ट्रांसपोर्टरों को स्पष्ट कहा जा चुका है कि वह अपने वाहनों में अतिरिक्त लकड़ी के फट्टा न लगाएं। इससे वाहनों में क्षमता से अधिक माल भर लिया जाता है। ओवरलोडिंग सहित नियमों का पालन न करने वाले वाहनों पर सख्ती जारी रहेगी। इसलिए वाहन चालक नियमों का पालन जरूर करें।

नियमों का अंधाधुंध उल्लंघन बना क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण के लिए करोड़पति बनने का कारण

उधर विभाग ने सकती क्या दिखाई कि वाहन चालक भी चालाकी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। यह चालाकी अक्सर ओवर लोडिंग के मामले में सामने देखने को मिलती है। कई बार ऐसा भी देखा गया है कि जब भी वाहन चालको की जांच में सख्ती दिखाई जाती है तो कई ओवरलोड वाहन टोल से पहले ही गुरुग्राम जिले की सीमा में रुक जाते हैं। जब तक टीम वापस नहीं चली जाती, तब तक वह फरीदाबाद की सीमा में प्रवेश नहीं करते। यहां की टीम गुरुग्राम की सीमा में जाकर चालान नहीं कर सकती।