कोरोना वायरस का कहर कितना ख़तरनाक साबित हो रहा है, इसका अंदाजा लॉक डाउन की बढ़ती मियाद को देख कर लगाय जा सकता है। देशभर में लॉक डाउन का तीसरा चरण अपने आखिरी अवधि में है इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी भी यह ऐलान कर चुके हैं कि यह लड़ाई लंबी चलेगी इसके साथ ही उन्होंने इशारा के दिया था कि लॉक डाउन का चौथा चरण भी 18 मई से लगेगा।
लॉक डाउन में खुदको महफूज़ रखने के लिए भले ही आमजन घरों में कैद कर बैठी है, लेकिन बावजूद छोटे बच्चों और महिलाओं खासकर जो की गर्भवती है उन्हें समय समय पर दवाइयों, टिके इत्यादि के लिए डॉक्टर्स या अस्पताल का रुख अख्तियार करना ही पड़ता है। पर लॉक डाउन के कारण अधिकांश अस्पतालों में मरीज की कोई आवश्यकता का ख्याल नहीं रखा गया था।
लेकिन अब ऐसा नहीं होगा फरीदाबाद के जिला उपायुक्त ने एक संदेश सार्वजानिक किया है जिसमें उन्होंने उक्त समस्या का निदान करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि बच्चा चाहे मां के गर्भ में हो या अपनी विकसित उम्र में उसके लिए समय समय पर दवाइयों तथा टीको का लगना बेहद जरूरी होता है।
इसलिए अब वक़्त में कुछ दरियादिली दिखाते हुए कहा कि अब गर्भवती महिलाओ को व बच्चों को टिके लगवाने के लिए डॉक्टर्स तथा अस्पतालों का नाम रूख़ कर सकती है, बस शर्त है की उस दौरान छूट का नाजायज फायदा उठाने की कोशिश ना करें। सरकार द्वारा दिए गए सभी निर्देशों चाहे सोशल डिस्टेंस हो या फैस मास्क पहने की प्रक्रिया को अमल में लाएं।
फरीदाबाद जिला उपायुक्त यशपाल यादव ने उक्त बातें आमजन से साझा करते हुए बताया कि महिलाएं या छोटे बच्चों को लेकर बीच में काफी संशय था कि टीका कैसे लगेगा, लेकिन बच्चों और महिलाओं के लिए ऐसी सुविधा अस्पताल में मौजूद है।
गर्भवती महिलाओं को बस अपना जरूरत से ज़्यादा ध्यान रखना है। अगर कोई मां एक अपने बच्चें को ब्रेस्ट फीडिंग करा रही है तो अच्छी तरह से हैंडवाश करके ही बच्चों को लें।