कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण पूरी दुनिया में आपातकालीन जैसी स्थिति उत्पन्न कर दी है । इस घातक वायरस से अभी तक पूरी दुनिया में लगभग 47 लाख से भी ज्यादा लोग को रोना संक्रमित पाए गए हैं और हिंदुस्तान देश में यह आंकड़ा 90000 से भी आगे बढ़ चुका है। इस बीमारी से बचने के लिए फिलहाल लॉक डाउन ही एकमात्र उपाय है। इस बीमारी की वजह से टूर ट्रेवल होटल और एयरलाइंस पर इस क़दर प्रभाव पड़ा है कि तीनों सेक्टर में मंडी छाई हुई है।
फरीदाबाद शहर में टूरिस्ट प्लेसिस की या वो इलाके जहां दूर दूर से लोग आया करते थे उन जगहों की बात करी जाए तो लॉक डाउन लगे होने के कारण इस उन जगहों पर सन्नाटा छाया हुआ है।राजा नाहर सिंह पैलेस , त्रिवेणी हनुमान मंदिर ,राजा नाहर सिंह पैलेस,रानी की छतरी, धौज लेक, बड़कल लेक ,इत्यादि ।
फरीदाबाद शहर के अधिकतर टूरिस्ट प्लेस की हालत तो पहले से ही खस्ता नज़र आ रही है , सरकार यूं मानो इनके सुंदरीकरण की तरफ कोई ध्यान नहीं था ।अब इस लॉक डाउन में इनकी हालत भी खस्ता हो सकती है ।अब कोरोना काल वजह से फरीदाबाद का टूरिज्म ना के बराबर हो सकता है क्योंकि पहले ही यहां टूरिज्म कम था और अब सालों साल के लिए बाहर से आने वाले लोग शायद ही आएंगे ।इन प्राचीन जगहों कि यदि देखभाल ठीक ढंग से करी जाती तो आज फरीदाबाद में टूरिज्म को इतना प्रभाव ना पड़ता ।
कोरोना वायरस का असर सिर्फ टूर एंड ट्रैवल्स उद्योग में ही नहीं बल्कि होटल और एयरलाइन्स उद्योग पर भी पड़ा है. कारोबार में तकरीबन 70 से 80 फीसदी कमी आई है ।
लॉक डाउन 1,2और 3 में तो ये सेक्टर बंद रहा अब देखना ये है कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राहत पैकेज का इस्तमाल इस सेक्टर में कैसे जाएगा क्योंकि अब अगर इतने बड़े क्षेत्र में मंदी ज्यादा दिन रहती है तो बेरोजगारी का खतरा कितना बड़ा हो सकता है, यह समझना मुश्किल नहीं है. फिलहाल अभी तक तो कर्मचारियों की छंटनी की नौबत नही आई है लेकिन अगर कोरोना वायरस का संकट ज्यादा दिन बरकरार रहा तो छंटनी होना निश्चित है।
चीन की लापरवाही से उत्पन्न हुई इस बीमारी ने देश और दुनिया को जोखिम डाल दिया है अब देखना ये है फरीदाबाद जिला प्रशासन इतने बड़े घाटे को कैसे झेलता है और कैसे शहर विकसित होगा।