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देश की उन्नित में शहर की एक कंपनी बन रही है सबसे बड़ी हिस्सेदार, जानिए कौन सी है वह कंपनी

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फरीदाबाद एक औद्योगिक नगरी है। औद्योगिक नगरी होने के बावजूद भी फरीदाबाद में कई ऐसी कंपनी व औद्योगपति है जिन्होंने देश ही उन्नीत में अपना योगदान दिया है। साल 2020 जो महामारी का दौर रहा है उसमें बल्लभगढ़ स्थित में हिंदुस्तान सिरिंज व मेडिकल डिवाइस का भी अहम योगदान रहा है। हिंदुस्तान सिरिंज व मेडिकल डिवाइस का किस प्रकार योगदान रहा है इसको लेकर पहचान फरीदाबाद की टीम के साथ चीफ जनरल मैनेजर मार्कटिंग से प्रदीप सरीन हमारे साथ मौजूद है।


प्रश्नः 1 साल 2020 महामारी का दौर रहा। आपकी कंपनी के द्वारा सरकार को किस तरह ऑर्डर मिलते और उसका क्या प्रक्रिया है।


उत्तरः सरकार के द्वारा टेंडर निकाले जाते है। जिसके बाद पूरी भारत की विभिन्न कंपनियों द्वारा टेंडर भरे जाते है। जिसके बाद सरकार के द्वारा एक कंपनी को टेंडर दिया जाता है। उसके बाद उक्त टेंडर पूरा करने के लिए समय भी दिया जाता है। लेकिन अगर हम महामारी की बात करें तो कोवैक्सीन के लिए जो सीरिंज सरकार को दी जा रही है। दिसंबर में करीब 6 करोड़ सरकार दे चुके है। इसके अलावा यूनिसेफ को भी उन्होंने 14 करोड़ सीरिंज प्रदान कर चुके।

देश की उन्नित में शहर की एक कंपनी बन रही है सबसे बड़ी हिस्सेदार, जानिए कौन सी है वह कंपनी
प्रश्नः आपकी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी को प्रात्साहन के तौर पर क्या प्रदान किया गया।


उत्तरः महामारी के दौरान महिलाओं के लिए बसों को चलाया गया। जिससे की महिलाओं को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहंी हुई। इसके अलावा पुरूषों के लिए वाहन के पास दिलाए गए। जोकि डीसी द्वारा मंजूर किया गया। इसके अलावा कंपनी में काम करने वाले सभी कर्मचारियों को मास्क व सेनेटाइर करने के बाद भी कंपनी में प्रवेश दिया जाता है। इसके अलावा सभी कर्मचारी को महामारी के दौरान एमडी की ओर से बाॅनस दिया गया। जिससे कर्मचारियों को काम करने में कोई परेशानी न हो। कर्मचारियों की ओर से भी उनको काफी मदद मिली।


प्रश्नः कोवैक्सीन को पहले कंपनी के मालिक के द्वारा लगाया गया। उसके बाद ही कर्मचारियों ने कोवैक्सीन को लगाया।


उत्तरः हमें हिंदुस्तान में बनी कोवैक्सीन पर पुरा विश्वास है। जब हमें एफआईए के द्वारा पऋ मिला कि उनको कोवैक्सीन लगवाने के लिए वाॅलेंटयर चाहिए। उसके बाद कंपनी के एमडी ने पहले कोवैक्सीन लगवाई। एमडी के बाद करीब कंपनी में काम करने वाले 300 कर्मचारियों ने कोवैक्सीन को लगवाया।

देश की उन्नित में शहर की एक कंपनी बन रही है सबसे बड़ी हिस्सेदार, जानिए कौन सी है वह कंपनी

प्रश्नः महामारी के दौरान में उनकी कंपनी की ओर से काफी अच्छा योगदान दिया जा रहा है।


उत्तरः अगर इंडस्ट्री लगी है तो योग दान के लिए लगी है। देश विदेश में कंपनी का नाम होता है इसको लेकर उन्होंने जो भी सरकार की ओर से आॅर्डर आए है उनको समय पर पूरा किया है। ताकि कंपनी और देश का नाम कभी खराब न हो।

प्रश्नः सरकार को सीरिंज दी है वह कितने एमएल की थी। सरकार को कितने सीरिंज अभी तक दे चुके है।

उत्तरः कोवैक्सीन व बच्चोें के इमुनाजेशन में काम आने वाले सीरिंज एक ही है। जो हमनें सरकार को दी है वह 0ण्5 एमएल की है। दिसंबर के अंदर 6 करोड़ सरकार को दी है। इसके अलावा यूनिसेफ को 10 करोड़ पीस दे चुके है। इसके अलावा मार्च महीने में करीब 10 करोड़ सीरिंज सरकार को देनी है।

देश की उन्नित में शहर की एक कंपनी बन रही है सबसे बड़ी हिस्सेदार, जानिए कौन सी है वह कंपनी
प्रश्नः प्राइवेट अस्पताल भी क्या आपसे लेते है।


उत्तरः इमुनाइजेशन का कार्य केंद्रीय सरकार के अंदर आता है इसके अलावा अगर कोई प्राइवेट अस्पताल भी सीरिंज मांगते है तो वह उनके डिस्ट्रब्यूटर के द्वारा ले सकते है। उनके देश भर में करीब 5000 डिस्ट्रब्यूटर मौजूद है।

खास है 0.5 एमएल की सीरिंज

प्रदीप सरीन ने बताया कि कोवैक्सीनेशन के लिए बनाई जा रही ये सिरिंज आम सिरिंज से बिल्कुल अलग है। उन्होंने बताया कि इसको केवल एक बार ही प्रयोग किया जा सकता है और दोबारा इसका प्रयोग नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसको इस तरीके से बनाया गया है कि एक बार प्रयोग होते ही यह अपने आप अंदर से टूट जाएगी।

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