जिले में बर्ड फ्लू की आशंका को देखते हुए पशुपालन विभाग सतर्क हो गया है। विभाग की टीम ने शनिवार को गांव धौज और बड़खल स्थित पॉल्ट्री फार्मों का निरीक्षण किया। फार्म संचालकों के साथ बैठक भी की। उन्हें फ्लू से बचाव के लिए जागरूक किया और सावधानियां बताई गईं।
पॉल्ट्री फार्म मालिकों व घरेलू मुर्गी पालन करने वालों को बर्ड फ्लू बीमारी के बारे में अहम जानकारी दी। जिला पशुपालन अधिकारी नीलम आर्य ने मुर्गी पालकों से विशेष एहतियात बरतने के लिए कहा। उन्होंने गांव चंदावली, जाजरू, मलेरना आदि गांव वासियों को बर्ड फ्लू के लक्षण के प्रति जागरूक किया।
जिला पशुपालन अधिकारी नीलम आर्य ने कहा कि पॉल्ट्री फार्मों संचालकों को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने के आदेश जारी किए गए हैं। क्षेत्र में ठंड व अन्य किसी कारण से यदि मुर्गियों के बीमार होने व मरने का मामला सामने आता है तो इसकी जानकारी पशु चिकित्सक को देनी होगी। इसके अलावा विभाग में शिकायत की जा सकती है।
जिला पशुपालन अधिकारी नीलम आर्य ने बताया कि अभी तक जिले में किसी भी पक्षी में बर्ड फ्लू का कोई लक्षण नहीं मिला है। यह एवियन इनफ्लुएंजा वायरस एच5एन1 से पक्षियों में फैलता है। पक्षियों से मनुष्य में भी फैलने का खतरा रहता है।
मुख्य रूप से मुर्गी, टर्की मोर और बतख में संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। इस बीमारी में पक्षियों को बहुत तेज बुखार हो जाता है, बहुत तेज प्यास लगती है, चलने फिरने में बहुत दिक्कत होती है गर्दन टूटने लगती है। पक्षी 24 घंटे के दौरान मर जाता है।
जिला पशुपालन अधिकारी नीलम आर्य ने कहा कि पॉल्ट्री फार्मों पर कीटाणु नाशक घोल का छिड़काव करें। किसी भी तरीके से बाहर से आने वाले वाहन को भी कीटाणु नाशक घोल से गुजरने की सलाह दी गई है। सभी मुर्गी पालकों से बाहर से किसी भी तरीके की पॉल्ट्री से संबंधित सामान मंगवाने से भी परहेज करने की सलाह दी है।