नया स्वरूप वाला होगा लॉक डाउन का चौथा चरण, दो सप्ताह बढ़ेगी लॉक डाउन की मियाद

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कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए आमजन को हिदायत देते हुए लॉक डाउन लगाया गया था जिसके तीसरे चरण की मियाद आज यानी रविवार को समाप्त होगी। इससे पूर्व पीएम नरेंद्र मोदी 18 मई से चौथे के आगाज कर चुके है, दो हफ्तों यानी 31 मई तक रह सकता है। इसके लिए केंद्र सरकार नई गाइडलाइंस आज जारी कर सकती है।

महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, दिल्ली, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, पंजाब और ओडिशा के 30 से ज्यादा नगरनिकायों में पूर्ण पाबंदी लागू रह सकती है। सूत्रों ने बताया कि चौथे चरण में घरेलू विमान सेवाएं, मेट्रो, बस और ऑटो रिक्शा को सीमित दायरे में छूट मिल सकती है।

इस चरण में नाई की दुकानों, रेस्टोरेंट्स, स्थानीय बाजारों, घरेलू सामान सुधारने वाली दुकानों को कड़ी शर्तों के साथ ग्रीन और ऑरेंज जोन में खोलने की मंजूरी देने की तैयारी है।

उक्त शहरों में रह सकती है सख्त पाबंदी

महीने के आखिर तक लॉकडाउन जारी करने का सुझाव

तीसरे लॉकडाउन के बाद के हालात को लेकर विभिन्न राज्यों ने केंद्र को भेजे अपने सुझावों में लॉकडाउन को इस महीने तक जारी रखने की बात कही है। ज्यादातर राज्यों ने कहा है कि छूट बढ़नी चाहिए और रेड, ऑरेंज, ग्रीन जोन के निर्धारण में राज्य को अधिक स्वायत्तता मिले। मंत्रालय ने भी इसे संज्ञान में लेकर जिंदगी का जोखिम और दोनों को ध्यान में रखते हुए एक विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार किया है।

चौथे लॉकडाउन के तीन फेज का स्वरूप

देश में अब तक तीन फेज में 25 मार्च से 14 अप्रैल, 15 अप्रैल से 3 मई और 4 मई से 17 मई तक लॉकडाउन घोषित किया गया। इस बीच, गृह मंत्रालय चौथे फेज के लिए आज नई गाइडलाइंस जारी करेगा। बताया जा रहा है कि कुछ इलाकों में हवाई और बस सेवाएं शुरू हो सकती हैं।

पहला फेज: 25 मार्च से 14 अप्रैल तक, यह 21 दिन का रहा। इस दौरान सिर्फ जरूरी सामान की दुकानें खोलने की अनुमति दी गई।

दूसरा फेज: 15 अप्रैल से 3 मई, यह 19 दिन का रहा। हॉटस्पॉट (रेड जोन) को छोड़कर ऑरेंज और ग्रीन जोन में दुकानें खोलने की परमिशन दी गई।

तीसरा फेज: 4 मई से 17 मई , यह 12 दिन का है। हॉटस्पॉट (रेड जोन) को छोड़कर ऑरेंज और ग्रीन जोन में दुकानें खोलने की परमिशन दी गई। इसके अलावा, प्रवासी मजदूरों के लिए ट्रेनें और बस चलाई गईं।

स्पेशल ट्रेनें भी चलाई जा रही हैं। फैक्ट्रियों में शर्तों के साथ काम करने की परमिशन दी गई। इसके अलावा, वंदे भारत और समुद्र सेतु मिशन के जरिए दूसरे देशों में फंसे भारतीयों को लाया जा रहा है।

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