22 साल के इंजीनियरिंग स्टूडेंट राज डागवार ने लोगों के डिप्रेशन को दूर करने के लिए एक छोटा सा कदम उठाया है। कहने को ही कदम छोटा है लेकिन लोगों को ये काफ़ी पसंद आ रहा हैं।साथ ही उनकी इस पहल को सोशल मीडिया द्वारा काफी सराहा जा रहा हैं।
कैसें की शुरुआत
राज डागवार पुणे शहर के PICT कॉलेज के फाइनल ईयर इंजीनियरिंग स्टूडेंट हैं। राज का कहना है की, हमारे आसपास ऐसे बहुत से लोग हैं, जो अकेले पड़ चुके हैं। घर में रहकर वह अपनी बात किसी अपने से शेयर नहीं कर पाते हैं और अंदर ही अंदर घुट रहे होते हैं। लॉकडाउन के दौरान हालात और भी बिगड़े हैं। कई लोग अकेलेपन की वजह से डिप्रेशन में चले गए।और इसी वजह से उन्होने ये शूरू किया जिसमें वह लोगों की स्टोरी सुनते है और उन्हे 10 रुपए देते हैं ।
दरअसल वह एक प्लेकार्ड लेकर खड़े रहते है। जिस पर लिखा होता है, ‘आप मुझे अपनी स्टोरी बताइए, मैं आपको 10 रुपए दूंगा।’और इसके ज़रिये वह
हर दिन शाम 6 बजे से रात 10-11 बजे तक लोगों की कहानियां सुनते हैं ।जिसमें हर इंसान अपने दिल की बात शेयर करतें है। जो वो किसी और से शेयर नही कर पाते हैं।
इंस्टाग्राम की पोस्ट देखकर हुए प्ररित
राज ने बताया की इंस्टाग्राम की पोस्ट देखी जिसमें लिखा था टेल मी योर स्टोरी, एंड आई विल गिव यू वन डॉलर। उन्हे ये कॉन्सेप्ट बहुत अच्छा और अगले ही दिन से उन्होनें ये पुणे में शूरू कर दिया। वह रोज़
शाम 6 बजे से रात 10-11 बजे तक वहां खड़ा रहते हैं और लोगों की कहानियां सुनते हैं।
राज भी हो चुके है डिप्रेशन के शिकार
राज ने बताया की साल 2019 में वह डिप्रेशन के शिकार हो चुके है। उस वक़्त उनकी हालत खराब थी वह किसी से अपनी बात शेयर नही कर पाते थे तभी उनकी कॉलेज टीचर ने उनके व्यवहार को देखा और उन्हें एक मनोचिकित्सक के पास भेजा, सारी बात बताई और बहुत अच्छा महसूस हुआ। राज कहते है उन्हें अच्छा लगता है जब लोग उनसे अपनी स्टोरी शेयर करते है।
परिवार को बिन बताये शूरू किया काम
जब उन्होनें सड़कों पर जाकर लोगाें की कहानियां सुनना शुरू किया था, तब उनके पेरेंट्स को इस बारे में नहीं पता था। लेकिन, कुछ दिनों बाद सोशल मीडिया और आर्टिकल के जरिए उनको पता लगा, तो उनका काफी अच्छा रिस्पॉन्स रहा। प्रिपरेशन लीव चल रही है, इसलिए रोजाना पांच घंटे लोगों की मदद करने के लिए उनकी कहानियां सुनते है।आगे चलकर इसे हर वीकेंड करेंगे और उनके साथ और भी लोग जुड़ेंगे।
पुरे देश में फैलाना हैं
राज अपने इस काम को पुरे देश भर में फैलाना चाहते है। उनका मानना हैं की यह इनिशिएटिव काफी आगे जाने चाहिए। क्योंकि हमारे आसपास बहुत से ऐसे लोग हैं, जिन्हें वास्तव में मदद की जरूरत है। कोई भी व्यक्ति जो मेंटल स्ट्रेस या डिप्रेशन से गुजर रहा होता है उससे बस पांच मिनट देना चाहिए इसके ज़रिए एक शख्स की लाइफ बच सकती है।
ये अभी तो सिर्फ पुणे में है लेकिन देश भर से लाेग इंस्टाग्राम पर मैसेज कर रहे हैं कि वे भी अपने शहर में यह शुरू करना चाहते हैं।
Written by: Isha singh