लॉकडाउन में समय बिताने के लिए बनाई थी आइसक्रीम, 3 महीने में कामाए इतने लाख़

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लॉकडाउन ने लोगों की ज़िन्दगी पर बहुत ही गहरा असर छोड़ा है शायद ही कोई लॉकडॉउन के समय को भूला पाएगा। किसी के लिए अच्छा तो किसी के लिए बुरा। पर लॉकडॉउन की वजह से लोग काफ़ी क्रिएटिव भी हुए है।

साथ ही लोगों ने बहुत सी नई चीजे भी सीखी है जैसे की खुद का काम करना कुकिंग करना। लॉकडॉउन के समय में बाहर से कुछ लाना व खाने के लिए ऑर्डर करना मानो जैसे नामुमकिन सा ही हो गया था ऐसे में सवाल ये था कि इतने समय तक लोग बाहर से बिना कुछ मंगाए कैसे रहेंगे।

लॉकडाउन में समय बिताने के लिए बनाई थी आइसक्रीम, 3 महीने में कामाए इतने लाख़

ऐसे में लोगों ने घर पर ही कुकिंग करना शुरू कर दिया। और सफल भी रहे। ऐसे ही नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT) से ग्रेजुएट प्रेरणा एक इंटीरियर डिजाइनिंग कंसल्टेंट के रूप में काम कर रही थी। लेकिन, लॉकडाउन में परिवार के साथ समय बिताने के लिए उन्होंने काम करना बंद कर दिया। इसी दौरान उनके 12 साल के बेटे ने आइसक्रीम खाने की जिद की। महामारी के डर की वजह से वे बाहर जा नहीं सकती थी।

लॉकडाउन में समय बिताने के लिए बनाई थी आइसक्रीम, 3 महीने में कामाए इतने लाख़

ऐसे में प्रेरणा ने अपने 12 साल के बेटे की आइसक्रीम खाने की ज़िद को पूरा करने के लिए घर पर ही आइसक्रीम बनाई। प्रेरणा को आइसक्रीम बनाना नहीं आता था उन्हे पहले ये काम नामुमकिन सा ही लगा। क्योंकी आइसक्रीम बनने के लिए जो सामान लगता है वह सामान उन्हे उस समय पर मार्केट से लाना ठीक नहीं लगा। क्योंकि उस समय पर लोगों को महामारी का डर बहुत ज्यादा था। ऐसे में प्रेरणा ने घर पर रखे सामान से ही आइसक्रीम बना दी। क्योंकी वो आइसक्रीम घर पर बनी थीं इसलिए वो सेहत के लिए भी अच्छी थी। प्रेरणा ने फिर वो आइसक्रीम अपने घरवालों को खिलाई और आइसक्रीम सभी को बेहद पसंद भी आई।

आइसक्रीम बेटे के साथ-साथ उनके रिश्तेदारों को भी काफी पसंद आई। कई लोगों ने उन्हें इसे प्रोफेशन बनाने की सलाह दी। इसके बाद जून-जुलाई में प्रेरणा ने इसे मार्केट में सप्लाई करने का फैसला किया। उसके बाद उन्होंने दिल्ली के कुछ लोकल मार्केट में अपने प्रोडक्ट भेजे। शुरुआत में ही अच्छा रिस्पॉन्स मिला। वो बताती है की जब लोगों ने मेरे काम की तारीफ की और इसे बिजनेस के रूप में शुरू करने की सलाह दी, तो मुझे लगा यह मुश्किल टास्क है। बाजार में पहले से ही बहुत सारे ब्रांड्स हैं। उनके बीच खुद को स्थापित करना चुनौती भरा काम था।’

लॉकडाउन में समय बिताने के लिए बनाई थी आइसक्रीम, 3 महीने में कामाए इतने लाख़

उसके बाद क्या था लोगों को ये होममेड आइसक्रीम पसंद आने लगी। और प्रेरणा का ये बिजनेस चल गया। वो बताती हैं, ‘हाल ही में मुंबई और पुणे में बड़े-बड़े स्टोर्स ने हमारे प्रोडक्ट लिए हैं। जल्द ही बेंगलुरु में भी हमारा प्रोडक्ट उपलब्ध होगा। हालांकि इसके साथ ही कई लोगों ने इसकी फ्रेंचाइजी लेने में दिलचस्पी दिखाई है।


प्रेरणा ने अपने आइसक्रीम के बिजनेस में 16 लोगों को रोजगार दिया है। जो उनकी टीम में आइसक्रीम तैयार करने से लेकर ऑर्डर और मार्केटिंग का काम संभालते हैं। अभी वो हर दिन 45 टब आइसक्रीम तैयार करती है।आज प्रेरणा चॉकलेट, कॉफी, वेनिला और नट्स, काले किशमिश, नारियल, बादाम मार्जिपन फ्लेवर में आइसक्रीम बनाती हैं। जो दिल्ली-एनसीआर में लगभग सभी दुकानों पर उपलब्ध है। आइसक्रीम का प्राइस 75 ML के लिए 95 रु और 500 ML के लिए 650 रु है।

प्रेरणा अपने आइसक्रीम में कोई प्रिजर्वेटिव या स्टेबलाइजर इस्तेमाल नहीं करती हैं। प्रेरणा लोगों की हैल्थ को ध्यान में रखते हुए फैट की वेजिटेरियन चीजों से आइसक्रीम तैयार करती हैं।

Written By :- Radhika Chaudhary