कामयाबी – भ्रूण लिंग जांच के रैकेट का स्वास्थ्य विभाग की टीम ने किया पर्दाफाश

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जागरूकता मुहिम चलाने और सख्ती बरतने के बावजूद भ्रूण लिंग जांच के मामले नहीं रुक पा रहे। सख्ती को देखते हुए अब कोख के कातिल और ज्यादा शातिर हो गए हैं विभाग को चकमा देने के लिए कई तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। एक ही केस में कई-कई लोग भूमिका निभाते हैं। हाल ही में सामने आए केस से ऐसा ही कुछ खुलासा हुआ है।

सीएससी खेड़ी कला के एसएमओ डाॅक्टर हरजिंदर सिंह ने बताया कि सीएमओ को सूचना मिली थी कि कोई गिरोह फरीदबाद, गुरूग्राम व दिल्ली की गर्भवती महिलाओं की भ्रूण जांच करने के लिए सक्रिया है। सीएमओ डाॅक्टर रणदीप सिंह पुनिया के द्वारा एक टीम का गठन किया गया। जिसमें फरीदाबाद की तरफ से डिप्टी सीएमओ डाॅक्टर हरीश आर्य, एसएमओ डाॅक्टर हरजिंदर सिंह, डाॅक्टर रेखा व अन्य टीम मेंबर शामिल थे।

कामयाबी - भ्रूण लिंग जांच के रैकेट का स्वास्थ्य विभाग की टीम ने किया पर्दाफाश

इसके अलावा झज्ज्र बादली की स्वास्थ्य विभाग की टीम की ओर से डाॅक्टर अंचल, डाॅक्टर हर्ष और अजय की टीम थी। उन्होंने बताया कि उनकी टीम के द्वारा एक नकली ग्राहक ज्योति को बनाया गया। जिसने बादली झज्जर सुनिता से संर्पक किया। जोकि की इस पुरे रैकेट को चलाती है। सुनिता से संर्पक होने के बाद 11 जनवरी की सुबह 5 बजे ज्योति व उनकी टीम झज्जर बादली पहुंचे। जहां सुनिता ने नकली ग्राहक ज्योति को डाॅक्टर मंजित सैनी से मिलवाया।

भ्रूण जांच करने के लिए ज्योति की बात 60 हजार रूपये। डाॅक्टर मंजीत व सुनिता नकली ग्राहक को दिल्ली के नांगलोई में लेकर आए। नांगलोई पहुंचे ने बाद एक आल्टो कार वहां पर आती है जहां पर डाॅक्टर मंजित, सुनिता व ज्योति मौजूद थे। आल्टो कार में प्रवीन और मोन्टी मौजूद थे। ज्योति को आल्टो कार में उनके साथ भेज दिया। गाड़ी दिल्ली की गलियों से होते हुए नोएडा पहुंची। नोएडा के किसान चैक पर रूकी। किसान चैक पर झा नाम का व्यक्ति पहुंचा।

कामयाबी - भ्रूण लिंग जांच के रैकेट का स्वास्थ्य विभाग की टीम ने किया पर्दाफाश

करीब आधे घंटे के बाद झा ने किसी को फोन करके वहां पर बुलाया। एक मोटरसाइकिल आई, जोकि धीरज नाम का व्यक्ति लेकर आता है। जिसके बाद ज्योति को धीरज को सौंप दिया जाता है। प्रवीन, मोन्टी व झा वहीं गाड़ी के पास रूक गए। जिसकी वजह से उनकी टीम को दो भाग में विभजित होना पड़ा। जिसके बाद एक टीम किसान चैक पर रही। वहीं दूसरी टीम मोटरसाइकिल वाले के पीछे गई। जिसके बाद वह मोटरसाइकिल गाजियाबाद के मसूरी चैक पर पहुंची। जहां सैंट्रो कार पहुंची है। सैंट्रो कार में रिजवान नाम का दलाल को नकली ग्राहक ज्योति सौंप दी। करीब एक किलो मीटर चलने के बाद एक मोटरसाइकिल आती है।

जिसको दर्शन नाम का व्यक्ति चला कर आता है। ज्योति को दर्शन को सौंप दिया जाता है। जिसके बाद वह मोटरसाइकिल ज्योति को हापुड़ के पास बने शिफा चैरिटेबल अस्पताल में डाॅक्टर वसीम के पास लेकर गए। डाॅक्टर वसीम द्वारा ज्योति का भ्रूण जांच करने के बाद वापिस दर्शन के साथ भेजा। जिसके बाद जब दर्शन व ज्योति अस्पताल के बाहर आए तो उनकी टीम ने उन सभी को पकड़ लिया।

कामयाबी - भ्रूण लिंग जांच के रैकेट का स्वास्थ्य विभाग की टीम ने किया पर्दाफाश

टीम के द्वारा दर्शन को पकड़ने के बाद जब डाॅक्टर वसीम को पकड़ने के लिए गए तो अस्पताल में सैकड़ों की संख्या में लोग आ गए। जिसकी वजह उनकी टीम डाॅक्टर वसीम को पकड़ नहीं पाए। दर्शन को पकड़ने के बाद नोएडा की टीम ने अन्य नोएडा वाले आरोपियों को भी पकड़ लिया। करीब 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। आरोपियों से पूछताछ के दौरान पता चला कि वह हर महीने करीब 20 गर्भवती महिलाओं के भ्रूण जांच के लिए भेजते थे। बादली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और साथ ही आॅल्टो कार भी उनको दे दी गई है। उन्होंने बताया कि उनकी टीम को इस रैकेट को पकड़ने के लिए कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिसके बाद ही उनको कामयाबी मिलती है। आगे की कार्यवाही पुलिस के द्वारा की जाएगी।