नगर निगम में शामिल करने के बाद जिले के 24 गांवों से अब छीने गए आर्थिक अधिकार।

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नगर निगम में जिले के 24 गांवों को शामिल करने के बाद ग्राम पंचायतों को अपने सभी प्रकार का दस्तावेज निगम में जमा करने के आदेश जारी किए गए हैं। साथ ही साथ ग्राम पंचायत से आर्थिक अधिकार भी छीन लिए गए हैं। ग्राम पंचायतों को किसी भी प्रकार के लेनदेन के लिए निगमायुक्त की मंजूरी लेनी होगी। बिना मंजूरी के खातों से कोई लेनदेन नहीं किया जा सकेगा।

जनगणना 2011 के अनुसार गांवों की कुल आबादी 1,25,880 है। इसलिए इन गांवों को नगर निगम की सीमा में शामिल किया गया।

राज्य सरकार की ओेर से इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। इनमें मलेरना, रिवाजपुर, साहूपुरा, टिकावली, सोतई, तिलपत, चंदावली, भूपानी, मच्छगर, फिरोजपुर माजरा, मुजेड़ी, बारोली, नाचौली, प्रहलादपुर माजरा, बादशाहपुर, भतौला, पलवली, फरीदपुर, नवादा तिगांव, खेड़ीखुर्द, नीमका, खेड़कलां, मिर्जापुर और बिंदापुर गांव शामिल हैं।

नगर निगम में शामिल करने के बाद जिले के 24 गांवों से अब छीने गए आर्थिक अधिकार।

पहले नगर निगम का दायरा 208 वर्ग किलोमीटर था और केवल 38 गांव ही इसमें शामिल थे। नए गांव निगम के दायरे में आने के बाद निगम का दायरा बढ़कर 299.74 वर्ग किलोमीटर हो गया है। इसके साथ ही निगम में आने वाले गांवों की संख्या भी बढ़कर 58 तक हो गई।

नगर निगम आयुक्त यशपाल यादव ने बताया कि गांवों में बने मकानों की अब नई प्रॉपटी आईडी बनाई जाएगी। इसके लिए जिला पंचायत एवं विकास अधिकारी से रिकार्ड मांगे गए हैं। जिसमें ये देखा जाएगा कि पंचायत विभाग ने कितनी जमीन का सीएलयू दिया है और कितनी जमीन को लाइसेंस देकर सोसाइटी बनाने की अनुमति दी है।

नगर निगम में शामिल 24 गांव के बैंक खातों के लेनदेन पर रोक लगा दी गई है। ग्राम पंचायतों को पहले नगर निगम से मंजूरी लेनी होगी। बिना निगम के अनुमति के गांव में कोई विकास कार्य नहीं किए जाएंगे।