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जानिए क्यों मनाई जाती है मकर सक्रांति, इस दिन गंगा स्नान और दान का क्या है महत्व ?

बरसों से हिन्दू धर्म में कई त्योहारों को मानाने की परंपरा रही है। उनमे से एक त्योहार है मकर सक्रांति। आज मकर सक्रांति का त्योहार पुरे देश भर में मनाया जा रहा है। यह त्योहार हर साल जनवरी के महीने मनाया जाता है।

कहा जाता है की सूर्य का एक राशि से दूसरे राशि में जाने को ही सक्रांति कहते है। मकर सक्रांति के दिन, दान व पुण्य का शुभ समय का विशेष महत्त्व है। मकर संक्रांति के पावन पर्व पर गुड़ व तिल लगा कर नर्मदा में स्नान करना लाभदायी होता है। इस दिन सूर्य उत्तरायण होता है यानि की पृथ्वी का उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य की ओर मुड़ जाता है।

जानिए क्यों मनाई जाती है मकर सक्रांति, इस दिन गंगा स्नान और दान का क्या है महत्व ?

मकर सक्रांति के अलग – अलग नाम

देश के व‍िभिन्‍न राज्‍यों में इस पर्व को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। उत्तर प्रदेश में इसे खिचड़ी, उत्तराखंड में घुघुतिया या काले कौवा, असम में बिहू, तमिलनाडु में किसानों का ये प्रमुख पर्व पोंगल के नाम से मनाया जाता है।

घी में दाल-चावल की खिचड़ी पकाई और खिलाई जाती है। महाराष्ट्र के लोग गजक और तिल के लड्डू खाते हैं और एक दूसरे को भेंट देकर शुभकामनाएं देते हैं। पश्चिम बंगाल में हुगली नदी पर गंगा सागर मेले का आयोजन किया जाता है। असम में भोगली बिहू के नाम से इस पर्व को मनाया जाता है ।

पंजाब में एक दिन पूर्व लोहड़ी पर्व के रूप में मनाया जाता है। धूमधाम के साथ समारोहों का आयोजन किया जाता है। और दक्षिण भारत में पोंगल के रूप से मनाया जाता है। 14 जनवरी ऐसा दिन है, जब धरती पर अच्छे दिन की शुरुआत होती है।

ऐसा इसलिए कि सूर्य दक्षिण के बजाय अब उत्तर को गमन करने लग जाता है। जब तक सूर्य पूर्व से दक्षिण की ओर गमन करता है तब तक उसकी किरणों का असर खराब माना गया है, लेकिन जब वह पूर्व से उत्तर की ओर गमन करते लगता है तब उसकी किरणें सेहत और शांति को बढ़ाती हैं।

इनका किया जाता है सेवन

मकर सक्रांति के दिन खाई जाने वाली वस्तुओं में जी भर कर तिलों का प्रयोग किया जाता है। तिल से बने व्यंजनों की खुशबू मकर संक्रान्ति के दिन हर घर से आती महसूस की जा सकती है। इस दिन तिल का सेवन और साथ ही दान करना शुभ होता है। तिल मिश्रित जल का पान, तिल- हवन, तिल की वस्तुओं का सेवन व दान करना व्यक्ति के पापों में कमी करता है।

इन राशियों पर पड़ेगा असर

  • धनु राशि के लिए ये 33 दिन शुभ साबित हो सकते है। धनु राशि वालो के लिए पदोन्नति, पैसा और प्रॉपर्टी के योग बन सकते है।
  • मकर राशि वालो के लिए भागदौड़, और तनाव बढ़ेगा। सेहत पर भी हूँ सकता है असर।
  • कुम्भ राशि वालों के लिए मानसिक तनाव, धन हानि, नौकरी या बिजनेस का हूँ सकता है नुकसान।
  • कर्क, मिथु और तुला राशि वालो को संभलकर रहने की ज़रुरत है। धन, बिजनेस में हानि होने की सम्भवना रहेगी।

क्या है मकर सक्रांति का महत्व ?

धार्मिक मानयताओं के अनुसार मकर सक्रांति के दिन पवित्र नदी में स्नान, दान या पूजा आदि करने से व्यक्ति का पुण्य प्रभाव हजार गुना बढ़ जाता है। इस खास दिन को सुख और समृद्धि का दिन माना जाता है।

मकर-संक्रान्ति के दिन देव भी धरती पर अवतरित होते हैं। आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है, अंधकार का नाश व प्रकाश का आगमन होता है।

Written by – Aakriti Tapraniya

Avinash Kumar Singh

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