हरियाणा सरकार ने लगभग सभी गांवों में ड्रोन से एक सर्वे करवाया। वजह थी लाल डोरा से संबंध में। मनोहर लाल खट्टर ने कुछ समय पहले कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की थी। उन्होंने राज्य के 242 गांवों को 2 अक्टूबर को लाल डोरा से मुक्त किए जाने की घोषणा की थी। इसी सिलसिले में ड्रोनों से सर्वे हुआ है। जिले के बहुत से गांव लाल डोरा मुक्त हो जाएंगे और यहां रह रहे लोग आसानी से रजिस्ट्री करवा सकेंगे।
इसके लिए भारतीय सर्वेक्षण विभाग की तरफ से ड्रोन से सर्वे का काम पूरा हो गया है। लाल डोरा सिस्टम को अंग्रेजों ने सन 1908 में बनाया था। उस समय रेवेन्यू रिकॉर्ड रखने के लिए खेतीबाड़ी की जमीन के साथ गांव की आबादी को अलग-अलग दिखाने के मकसद से नक़्शे पर आबादी के बाहर लाल लाइन खिंच दी जाती थी।
गांवों में लाल डोरा के अंदर जितनी आबादी है उसे अब मालिकाना हक़ मिल जाएगा। लाल लाइन की वजह से इसके तहत आने वाली जमीन या क्षेत्र लाल डोरा कहलाने लगा। यह व्यवस्था खासकर दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में लागू थी। डिजिटल मैपिंग में भारतीय सर्वेक्षण विभाग की टीम द्वारा उच्च गुणवत्ता के विशेष प्रकार के ड्रोन के माध्यम से गांव के हर भवन, प्लान व लाल डोरे के तहत आने वाली प्रत्येक सरकारी व निजी संपत्ति का डिजिटल नक्शा तैयार किया जाएगा।
लाल डोरा मुक्त होने से ग्रामीणों में ख़ुशी है। अब जो सुर्वे हुआ है उसमे उस ड्रोन में लगा हाई रेज्युलेशन कैमरा इतनी स्टीक पैमाइश करता है कि संपत्ति की मैपिंग में एक इंच तक के अंतर को भी दर्ज किया जा सकता है।
अंग्रेजों के समय लाल डोरा अस्तित्व में आया था अब इसे समाप्त किया जा रहा है। ड्रोन में लगा हाई रेज्युलेशन कैमरा इतनी स्टीक पैमाइश करता है कि संपत्ति की मैपिंग में एक इंच तक के अंतर को भी दर्ज किया जा सकता है।