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एक ही रात में बनाया था पांडवों ने यह मंदिर,जाने इसके कुछ रहस्य्मयी राज

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आप लोगों ने कई मंदिरों के बारे में सुना होगा। जिनमें से कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जो खुद में ही एक रहस्य है जिनका राज़ पूरी तरह से शायद ही कोई जानता होगा। वहीं कुछ मंदिर ऐसे भी है जिनके बारे में बहुत सी कहानिया है ऐसे ही एक मंदिर है अम्बरनाथ नाथ मंदिर।

काले पत्थरों से निर्मित अम्बरनाथ महादेव  का प्राचीन मंदिर। यह मंदिर महाराष्ट्र में मुंबई के पास स्थित हैं अम्बरनाथ मंदिर की खुद में ही अपनी अलग विशेषताए है। इसे अंबरेश्वर के नाम से भी जाना जाता है।

एक ही रात में बनाया था पांडवों ने यह मंदिर,जाने इसके कुछ रहस्य्मयी राज

यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। अंबरनाथ में शिलाहाट नरेश मांबणि द्वारा निर्मित अंबरनाथ शिव का मंदिर है  मंदिर में मिले एक शिलालेख के अनुसार इसका निर्माण 1060 ईस्वी में शिलाहट के राजा मांबणि ने करवाया था।

अम्बरनाथ मंदिर वास्तु कला का अद्भुद नमूना हैं। यह मंदिर निर्माण प्रदीथ में गुज़रती तथा दक्षिण भारतीय शैली का प्रयोग किया गया हैं। इसे पांडवकालीन मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इस जैसा मंदिर पूरे विश्व में नहीं है। मान्यता है कि इस मंदिर के पास कई ऐसे  प्राकृतिक चमत्कार हैं। यहां एक सभामंडप मौजूद है जिसकी 9 सीढ़ियों के नीचे गर्भगृह में शुम्भो रूप में विशाल ज्योति प्राचीन है। मंदिर की मुख्य शिवलिंग त्रिमूर्ति की है। 

एक ही रात में बनाया था पांडवों ने यह मंदिर,जाने इसके कुछ रहस्य्मयी राज

मंदिर की दीवारों पर अलग अलग प्रकार की कलाकृति हैं।मंदिर के सामने शिव वाहन के रूप में नंदी की प्रतिमा हैं। अम्बरनाथ मंदिर में शिव रात्रि के पवन पर्व पर मंदिर में मेला लगा रहता हैं। अम्बरनाथ मंदिर मुम्बई से बेहद पास है। मंदिर के बाहर इसके प्रवेश द्वार पर तीन मुखमंडप हैं। भगवान शिव के दर्शन के लिए कई जगहों से लोगों का आना जाना लगा रहता हैं।

इस मंदिर की बहुत सी विशेषताए हैं।मंदिर में गणेश, कार्तिकेय, चंडिका आदि देवी-देवताओं की मू्होंने र्तियां भी मौजूद हैं। साथ ही देवी दुर्गा की मूर्ति भी सुसज्जित है। मां दुर्गा को असुरों का नाश करते हुए भी दिखाया गया है।

एक ही रात में बनाया था पांडवों ने यह मंदिर,जाने इसके कुछ रहस्य्मयी राज

कहा जाता है कि एक अज्ञातवास के दौरान कुछ वर्ष पांडवों ने अंबरनाथ में बिताए थे। इस दौरान उन्होंने विशाल पत्थरों से एक ही रात में मंदिर का निर्माण किया था। लेकिन पांडवों का पीछा लगातार कौरव कर रहे थे फिर भय के चलते उन्हें यह स्थान छोड़कर जाना पड़ा।

Written By :- Radhika Chaudhary

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