कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को दिल्ली के सुखदेव विहार फ्लाईओवर से गुजरते समय पलायन कर रहे प्रवासी मजदूरों से बातचीत की जो लॉकडाउन में काम बंद होने के चलते अपने मूल राज्यों में लौट रहे थे। इस दौरान उन्होंने श्रमिकों से घर लौटने का कारण पूछा और उनसे वापस नहीं जाने की अपील की।
इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने दावा किया कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बातचीत के तुरंत बाद पुलिस ने उनमें से कुछ प्रवासी मजदूरों को हिरासत में ले लिया था।
वहीं, न्यूज एजेंसी एएनआई के हवाले से पुलिस सूत्रों ने कहा कि यह सूचना गलत है कि राहुल गांधी से मिलने वाले प्रवासी मजदूरों को पुलिस ने हिरासत में लिया था, उन प्रवासी मजदूरों को अभी भी मौके पर रखा गया है। नियमों के अनुसार, उन्हें बड़े समूह के रूप में वाहन पर चढ़ने की अनुमति नहीं है, जिसकी पेशकश कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा की गई थी।
फोटो में सफेद कुर्ता और काली पैंट पहने राहुल गांधी, चेहरे पर मास्क के साथ प्रवासी श्रमिकों के एक ग्रुप के साथ बातचीत करते देखे जा सकते हैं। कांग्रेस नेता उनके साथ फुटपाथ पर बैठे हुए हैं और ग्रुप के साथ बातचीत करते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिसमें कुछ महिलाएं, बच्चे और पुरुष शामिल हैं।
फरीदाबाद बदरपुर बॉर्डर पार कर दिल्ली के रास्ते झांसी जा रहे एक मजदूर मोनू ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उनके साथ बातचीत की और उनके पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन्हें उनके घरों तक ले जाने के लिए गाड़ियों की व्यवस्था की।
एक प्रवासी मजदूर देवेंद्र ने बताया कि राहुल गांधी आए और आधे घंटे तक हमसे मिले। उन्होंने हमारे लिए गाड़ी बुक की और कहा कि वह हमें हमारे घरों तक छोड़ देंगे। उन्होंने हमें भोजन, पानी और मास्क भी दिए।
राहुल गांधी के इस कदम के बारे में उनकी आलोचना करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टिप्पणी करी की राहुल गांधी ने उन मजदूरों के पास रुककर उनका समय व्यर्थ किया है यदि राहुल गांधी को प्रवासी मजदूरों कि इतनी चिंता है तो वे अपनी सरकार वाले राज्यो में मुख्यमंत्री से कहे कि वे प्रवासी मजदूरों के लिए ट्रेन चलाए।