हरियाणा सरकार हमेशा से ही गरीबों के विकास के लिए नई नई योजना बनाती रहती हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्तिथि में सुधार आ सके। ऐसे ही एक योजना सरकार द्वारा बनाई गई जिसमें श्रमिक की बेटी की शादी में कन्यादान के रूप में वित्तिय सहायता का प्रावधान हैं।
“बच्चो की शादी पर वित्तीय सहायता (सुपुत्री)” की योजना सरकार द्वारा शुरू की गई हैं, जिसमे कन्यादान के समय 50,000 /- रूपये की वित्तिय सहायता प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।
योजना का उद्देश्य
योजना का मुख्य उद्देश्य पंजीकृत श्रमिकों की सुपुत्री के विवाह के व्यवस्था हेतु सहायता करना हैं,जिससे उनके विवाह के कार्यो में कोई परेशानी न आए। यह सहायता श्रमिक के तीन लड़कियों की शादी तक ही दिए जाने का प्रावधान हैं।
योजना के लिए योग्यता
- पंजीकृत श्रमिक को कम से कम एक वर्ष की सदस्यता पूर्ण होनी चाहिए।
- योजना का लाभ हरियाणा के सभी पंजीकृत श्रमिकों के लिए हैं।
- योजना का लाभ मृत्यु के बाद भी जारी रहता हैं।
- शादी का कार्ड एवं आवेदन पत्र निमिनलिखित अधिकारियों से प्रमाणित होना चाहिए :राज्य सरकार के राजपत्रित अधिकारी/ सहायक श्रम आयुक्त/श्रम निरीक्षक/सचिव ग्राम पंचायत अधिकारी/ बीडीपीओ/डीडीपीओ/ नाइबतसिलदार/ तहसीलदार/पटवारी/सहायक निर्देशक/आद्योगिक सुरक्षा और स्वास्थ्य / एसडीओ और सरकारी विभाग के या बोर्ड या नगरपालिका समिति/ नगर निगम /नगर परिषद के कनिष्ट अभियंता और सरकारी स्कूल के प्रमुख (प्रिंसिपल, हेड मास्टर, एडमिनिस्ट्रेशन)
- वर- वधु के आयु प्रमाण पत्र (वधु की न्यूनतम आयु 18 साल एवं वर की न्यूनतम आयु 21 साल) फॉर्म के साथ लगाए जाए।
- आवेदक वचन/स्वत: यह घोषणा प्रस्तुत करेगा कि उसने यह सहायता किसी अन्य सरकारी, विभाग, बोर्ड, निगम से प्राप्त नहीं कि हैं और न ही करेगा।
- इस योजना का लाभ तीन लड़कियों की शादी तक ही दिया जाता हैं।
पंजीकृत श्रमिक की सुपुत्री की शादी के अवसर पर बोर्ड द्वारा कन्यादान के रूप में 51000/- के रुपए की वित्तिय सहायता के रूप में प्रदान की जाती हैं, इसके लिए अलग से ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य हैं। अतः लाभार्थी की सुपुत्री की शादी पर 51000/- (कन्यादान योजना) +50000/-(बच्चों की शादी पर वित्तिय सहायता) =101000/- रुपए प्रदान किए जाते हैं।