गांव के चौधरी की चौधराहट नाम की, नही है झाडू खरीदने की भी पॉवर

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फरीदाबाद : हरियाणा नगर निकाय चुनाव में बीजेपी को हुए नुकसान के बाद बीजेपी ने ये रणनीति बनाई कि आगामी सरपंच चुनाव में बीजेपी के सभी कार्यकर्ता और उम्मीदवार कृषि कानून को लेकर आम जन को जागरूक करेंगे।

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने जनवरी में ही पंचायती चुनाव की घोषणा कर दी जिसके बाद गावों में किसी भी प्रकार के विकास कार्य रुक गए।

गांव के चौधरी की चौधराहट नाम की, नही है झाडू खरीदने की भी पॉवर

हरियाणा पंचायती चुनाव के तारीखों की घोषणा हो चुकी है। आगामी 21 फरवरी को प्रदेश में पंचायती चुनाव होंगे। गांव में सरपंच को चौधरी के रूप में माना जाता है, उसकी चौधराहट के चर्चें पूरे गांव में होते है

परंतु अगर आपको पता चले कि चौधरी का दबदबा होने के बाद भी उन्हें एक झाड़ू खरीदने का भी पॉवर नही है तो आप थोड़े हैरान हो जाएंगे।

परंतु सरपंच को छोटे- छोटे कार्यों के लिए भी राशि मंजूर करने के लिए अधिकारियों के दरवाजों के चक्कर काटने पड़ते है,इतना ही नहीं उन्हें कभी- कभी खरी – खोटी भी सुननी पड़ती है।

गांव के चौधरी की चौधराहट नाम की, नही है झाडू खरीदने की भी पॉवर

पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव जनवरी 2016 में कराए गए थे। पंचायती चुनाव की घोषणा के बाद ही गावों में विकास कार्यों पर रोक लगा दी गई, यानि बीते जनवरी से ही गावों में किसी भी प्रकार के कार्यों पर रोक लगी हुई है। अगर अब किसी भी सरपंच को कोई भी कार्य करना होता है उनके लिए वह रुपए खर्च नही कर सकते।

ऐसे में अगर अनुदान की राशि भी खर्च करनी है तो उसके लिए भी सरपंच को मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमरदीप जैन से मंजूरी लेनी पड़ती है और यदि पंचायत को एफडी से भी रुपए निकालने है उसके लिए उन्हें जिला उपायुक्त से मंजूरी लेनी पड़ती है।

गांव के चौधरी की चौधराहट नाम की, नही है झाडू खरीदने की भी पॉवर

ऐसे में सरपंचों के लिए किसी भी प्रकार की गांव को समस्या को सुलझाने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिससे वह खासे परेशान है।

Written By : Rozi Sinha