क्या है केजीपी का मुद्दा, क्यों लगभग 60 ट्रेक्टर भरकर किसान पहूंचे लघु सचिवालय?

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आपको बता दें कि किसान मुआवजे को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट चले गए। हाई कोर्ट ने किसानों की मांगों को सुनने के लिए अतिरिक्त उपायुक्त को आर्बिटेटर नियुक्त कर दिया। 2016 में तत्कालीन अतिरिक्त उपायुक्त जितेंद्र दहिया ने जमीन का मुआवजा 62 लाख रुपये बढ़ा दिया।

केजीपी के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण(एनएचएआइ) ने 2009 में गांव मोहना, हीरापुर, छांयसा, मौजपुर, अटाली, शाहजहांपुर, अरुआ, चांदपुर, फैजपुर खादर के किसानों की जमीन 16 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से अधिग्रहण की थी।

इसके विरोध में किसानों ने सेक्टर-12 लघु सचिवालय में अतिरिक्त उपायुक्त सतबीर सिंह मान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन दिया। इससे पहले करीब 200 किसानों ने ट्रैक्टर मार्च किया।

क्या है केजीपी का मुद्दा, क्यों लगभग 60 ट्रेक्टर भरकर किसान पहूंचे लघु सचिवालय?

किसानों ने प्रशासन को स्पष्ट रूप से कह दिया है कि उन्हें 26 जनवरी तक मुआवजा दिया जाए। यदि मुआवजा नहीं दिया गया, तो फिर वे गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड निकालेंगे।

ये मुआवजा अभी तक एनएचएआइ ने किसानों को नहीं दिया है। मुआवजे को लेकर किसान अब परेशान हैं। नौ गांवों के किसान ईस्टर्न पेरिफेरल किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजेश भाटी के नेतृत्व में ट्रैक्टर मार्च करते हुए सेक्टर-12 लघु सचिवालय पहुंचे।

यहां से किसान एकत्रित होकर सेक्टर-12 लघु सचिवालय पहुंचे। प्रशासन ने लघु सचिवालय के चारों तरफ किसी भी स्थिति से निबटने के लिए बैरिकेडिग की हुई थी और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था।