जिले में लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। जितनी तेजी से हम विकास की ओर बढ़ रहे हैं उतनी ही तेजी के साथ प्रदूषण भी बढ़ रहा है। महामारी और वायु प्रदूषण से होने वाली परेशानियों को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण को किस प्रकार से सुरक्षित बनाया जा सकता है। इस दिशा में ऐतिहासिक पहल करते हुए एलॉफिक कंपनी आईआईटी जम्मू और विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने क्लीन एयर टावर लांच किया।
यह दूषित हवा को शुद्ध हवा में बदलेगा। इससे साफ-स्वच्छ हवा मिलने के साथ बेहतर पर्यावरण का निर्माण हो सकेगा। आईआईटी जम्मू और श्री विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी ने एक साथ मिलकर एक क्लीन एयर टावर का निर्माण किया है।
यह टावर 300 मीटर रेडियल दूरी तक कवर करेगा। लगभग 10 हजार क्यूबिक फीट प्रति मिनट स्वच्छ हवा देता है। स्टेनलेस स्टील टावर को कई फिल्ट्रेशन तकनीकों को ध्यान में रखते हुए आकर्षक बनाया गया है। शहर में प्रदूषण तय मानक से अधिक है।
अब शहर वासियों की सांस वायु प्रदूषण से फुल है। हालांकि इस पर काबू पाने के लिए कई उपाय किए गए। इस क्लीन एयर टावर में ऑपरेशन के दौरान शोर को कम करने के लिए एक साइलेंसर लगाया गया है और आकर्षक बनाने के लिए एक पानी का फव्वारा, अलग-अलग रंग की लाइट्स के साथ लगाया गया है। फरीदाबाद के एलॉफिक इंडस्टरीज में इस टावर को पहली बार लोगों के सामने लाया गया।
जिला समेत दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में है। टावर में एलॉफिक को एक डिजाइन पेटेंट मिल चुका है। यह मौसम और आसपास के प्रदूषण मापदंडों के वास्तविक आंकड़ों को भी प्रदर्शित करता है।