न्याय की आस में लीजा को दी भावभीनी श्रद्धांजलि

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सैैैक्टर-3 में अपनी पत्नी व दो बच्चों सहित रहने वाले अध्यापक भगवान दास की बेटी लीजा को गत् वर्ष आज के ही दिन 17 मई 2019 को उनके घर में घुसकर, एक हत्यारे ने निमर्म तरीके से मौत के घाट उतार दिया था। उस समय वह अपने घर में अकेली थी। इस गम से दुखी पिता और उनके संबंधियों ने आज कोरोना महामारी के बचाव के लिए सरकार द्वारा घोषित लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए, दिवगंत लीजा को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। पीडित पिता भगवान दास ने नम आंखों से अपनी बेटी को याद करते हुए कहा उनको न्याय की पूरी आस, और विश्वास है। वह आज-तक अपनी बेटी के खून से लथपथ शव को नहीं भुला सके हैं। लीजा के शरीर पर धारदार हतियार के लगभग 80 निशान थे, और सिर पर बैट से कई बार किए थे। कोई भी पिता इस तरह की घटना को ताउम्र भुला नहीं सकता। बतौर शिक्षक लीजा के माता-पिता ने अपने बच्चों को हमेशा देश की सेवा करने की प्रेरणा दी है। लीजा भी शुरू से ही पढाई में होशियार थीं, और डॉक्टर बनकर अपने परिवार एवं देश का नाम रौशन करना चाहती थीं। जब 17 मई को यह हत्याकांड हुआ तो पूरा सैैक्टर-3 शोक में डूब गया। लीजा के पिता ने कहा आज इस हृदय विदारक घटना को एक वर्ष पूरा हो चुका है। अभी लीजा का हत्यारा आकाश नीमका जेल में कैद है, मगर जब तक उस हत्यारे को फांसी नहीं हो जाती लीजा को न्याय नहीं मिलेगा। उन्होने कहा देश में अधिकतर अपराधियों के हौंसले इस कारण भी बढ जाते हैं, क्योंकि हमारी न्यायिक पक्रिया बहुत धीमी है। यह हादसा मेरी बेटी के साथ हुआ है। वह नहीं चाहते किसी और की बेटी इस तरह के हादसे की शिकार हो। इसलिए सरकार न्यायिक पक्रियाओं में और अधिक तेजी लाए। उन्होने कहा उनको देश की न्यायिक परिक्र्रया पर पूरा विश्वास है। यह केस फास्ट ट्रक कोर्ट में चल रहा। श्रद्धांजलि देने वालों में हैल्पर क्लब के प्रधान सरदार उपकार सिंह, बसपा जिला अध्यक्ष मनोज चौधरी, प्रदीप कुमार, बृजकिशोर, जवाहर सिंह, धनराज ङ्क्षसह, सुभाष चंद और हर गोबिंद सिंह थे।

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