महामारी का कहर जहां थमने का नाम नहीं ले रहा है, वहीं अब बर्ड फ्लू ने दस्तक देदी है। भारत में बर्ड फ्लू तेजी से पैर पसार रहा है। ऐसे में इसे लेकर कई सवाल हैं, क्या ये पक्षियों से मनुष्यों में फैल सकता है। क्या इससे बचाव की कोई दवा या वैक्सीन है। इस समय अगर चिकन, मटन या अंडे खा रहे हों या फिर पोल्ट्री प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करने चाहिए या नहीं।
प्रदेश में भी लगातार बर्ड फ्लू के मामले बढ़ते जा रहे हैं। लेकिन अब, बर्ड फ्लू से जूझ रहे सूबे के पोल्ट्री फार्म संचालकों के लिए अच्छी खबर है। हरियाणा में पहली बार बर्ड फ्लू की वैक्सीन तैयार की जाएगी।
शायद बर्ड से निजात अब संभव हो सकता है क्योंकि सूबे की एक कंपनी इंडोवेक्स ने इस पर शोध शुरू कर दिया है। जल्द ही कंपनी इस वैक्सीन का उत्पादन हिसार में शुरू कर देगी। आमतौर बर्ड फ्लू का एवियन एनफ्लुएंजा वायरस मनुष्यों के लिए खतरनाक नहीं होता लेकिन हर वायरस की तरह इसके भी स्ट्रैन हैं, ये भी म्युटेंट हो रहा है। 1997 में हांगकांग में बर्ड फ्लू वायरस से कई लोग मारे गए थे।
भारत में महामारी की वैक्सीन आ जाने से अब लोगों में ख़ुशी की लहर है। वर्तमान में मुर्गियों और पक्षियों को बर्ड फ्लू से बचाने के लिए हरियाणा में गुजरात से वैक्सीन मंगवाई जा रही है। पोल्ट्री फार्म संचालक मुर्गियों को बचाने के लिए वर्तमान में इसी वैक्सीन का इस्तेमाल कर रहे हैं।
बर्ड फ्लू देश के लिए खतरा ना बने इसलिए वैक्सीन का आ जाना बहुत ज़रूरी है। बर्ड फ्लू से अब तक हरियाणा के पंचकूला में पांच लाख से ज्यादा मुर्गियों की मौत हो चुकी है। पचास हजार से ज्यादा मुर्गियों को मारा गया है।