शहर की धीमी चल रही विकास की गति को रफ्तार देने के लिए नगर निगम ने आरडब्ल्यूए और औद्योगिक संगठन के साथ मिलकर संपत्ति कर वसूल करने की तैयारी शुरू कर दि हैं।
संपत्ति कर सर्वे अपने अंतिम चरण पर हैं, जिससे संपत्ति कर के रिहायशी, औद्योगिक, वाणिज्यिक संस्थान बढ़ेंगे और संपत्ति कर के दायरे में भी आएंगे। अभी तक 2.62 लाख घर और वाणिज्यिक संस्थान संपत्ति कर में आते हैं लेकिन नए संस्थान जुड़ने से यह संख्या पांच लाख पांच लाख तक हो जाएगी।
एनआईटी, ओल्ड फरीदाबाद और बल्लभगढ़ के बकायेदारों से निगम ने संपत्ति कर के 250 करोड़ रुपए अभी वसूल करने हैं। संपत्ति कर की माफी योजना 31 मार्च तक चल रही हैं। इस योजना के तहत सरकार द्वारा कर भरने वालो को 10 फीसदी तक छूट दी जाएगी।
अभी कुछ दिन पहले ही निगमायुक्त यशपाल यादव ने संपत्ति कर शाखा के अधिकारियों को हिदायत दी हैं कि अपने अपने क्षेत्र में संपत्ति कर वसूली की योजना तैयार कर लें।
नगर निगम ने कोरोना संकट से पहले संपत्ति कर की वसूली के लिए अलग अलग क्षेत्रों में शनिवार और रविवार को कैम्प लगाए जाते थे, जिसकी तैयारी फिर से शुरू कर दी गई हैं।
शहर के विभिन्न क्षेत्रों में संपत्ति कर वसूली करने के लिए फिर से शिविर लगाने की तैयारी चल रही हैं जिससे निगम फिर से अपना खजाना भर सकें।
संपत्ति दर वसूल करने के लिए निगमायुक्त यशपाल यादव ने कहा कि शहर के विकास की गति बढ़ाने के लिए लोगो को अपना अपना संपत्ति कर समय पर जमा कराना चाहिए। अभी सरकार की और से चल रही ब्याज माफी की योजना के तहत मौजूदा संपत्ति कर जमा कराने पर 10 फीसदी छूट का लाभ उठाए।
निगम वसूली करने के लिए आरडब्ल्यूए के साथ मिलकर विभिन्न क्षेत्रों में शिविर लगाएंगे और साथ ही क्षेत्रीय कर अधिकारियों को प्लान तैयार करने के निर्देश दिए।