स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत बनाए गए 10 स्मार्ट टॉयलेट्स को नगर निगम के हवाले किया जाएगा। ये टॉयलेट्स सेक्टर -19 पुलिस चौकी, गोपी कॉलोनी, एनआईटी 5, पुलिस चौकी के पास, सेक्टर -21डी मार्केट, मेट्रो स्टेशन, बड़खल के पास स्थित है।
अधिकारियों की लापरवाही और लोगों की जागरूकता की कमी के कारण स्मार्ट टॉयलेट्स के हालात बद से बदतर हो गई है। टूटे हुए दरवाजे, टूटी हुई टूटियां स्मार्ट टॉयलेट्स की परिभाषा ही बदल रही है। ऐसे में टॉयलेट्स के ऐसे हालातों को देखते हुए तथा स्मार्ट सिटी के अधिकारियों के नजरअंदाजी के चलते इन 10 टॉयलेट्स को नगर निगम के हवाले करने का फैसला लिया गया है।
दरअसल, फरीदाबाद स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से जिले भर में फरवरी से अगस्त 2018 तक 10 स्मार्ट टॉयलेट्स स्थापित किए गए थे। जब इन टॉयलेट्स को स्थापित किया गया तब भी ये शौचालय विवादों में रही थी।
इन टॉयलेट्स को स्थापित करने का उद्देश्य यह था कि लोगों को शौचालय की उचित व्यवस्था देनी थी परंतु इन स्मार्ट टॉयलेट्स बनने के कुछ दिन बाद ही इनकी स्थिति बद से बदतर हो गई है।
नगर निगम के उपमहापौर मनमोहन गर्ग ने भी टॉयलेट्स की गुणवत्ता और कीमत पर सवाल उठाए थे और भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए जांच की भी मांग की थी। लेकिन कार्यवाही आगे नही बढ़ सकी।
ऐसे है स्मार्ट सिटी के स्मार्ट टॉयलेट्स के हालात
स्मार्ट टॉयलेट्स के रखरखाव नही होने की वजह से टॉयलेट्स की टूटियां टूट चुकी है। कुछ टॉयलेट्स में यूरिनल पार्ट टूट चुके है या बहुत गंदे है।
टॉयलेट्स का इस्तेमाल करने के लिए बने पांच रुपए का सिक्का डालने वाला बॉक्स ही गायब है। लोगों ने गंदगी के कारण इन टॉयलेट्स का इस्तेमाल करना ही बंद कर दिया है। सुरक्षा के लिहाज से भी ये टॉयलेट्स सुरक्षित नही है।
ऐसे में देखना है कि नगर निगम के अंतर्गत आने के बाद इन स्मार्ट टॉयलेट्स के हालात में कितना सुधार हो पाता है।
Written by Rozi Sinha