आज – कल सभी को मोडिफाई वाहन काफी पसंद आते हैं। हालांकि, यह गैरकानूनी है और ट्रैफिक पुलिस इसका चालान भी करती है लेकिन फिर भी मोडिफाई गाड़ियां आपको सड़कों पर फर्राटे मारते नज़र आ जाएगी। ट्रैफिक पुलिस द्वारा चालान करने के बावजूद भी सड़क पर बड़ी संख्या में माडिफाई दौड़ रहे हैं। इसी मामले में काफी संख्या में वाहनों को सीज भी किया गया है।
अपने को संतुष्ट करने के लिए लोग अपनी गाड़ियां मोडिफाई करवाते हैं। आजकल युवाओं में वाहनों को माडिफाइ कराकर चलाने का शौक देखने में आ रहा है। अपने इस शौक को पूरा करते समय युवा यह भूल जाते हैं कि वाहन को माडिफाई कराना मोटर वाहन अधिनियम के मुताबिक अवैध है।
जिले में ऐसी बहुत सी दुकानों में आपको लोग अपनी गाडि़यों को माडिफाई कराने में काली फिल्म, चौड़े टायर, तेज हार्न व सायलेंसर आदि बदलवाते हुए नज़र आ जाएंगे। नियमानुसार किसी भी प्रकार के माडिफिकेशन सेंटर को परिवहन विभाग द्वारा अनुमति न देने का प्रावधान है। इसके बावजूद एक्सेसरीज केंद्रों पर काली फिल्म, चौड़े टायर, तेज हार्न आदि लगवाने के लिए वाहनों की कतार लगी रहती है।
काफी बार इन मोडिफाई के कारण सड़क हादसे हो जाते हैं। लेकिन भारत में आज के दौर में युवा वर्ग ही नहीं बल्कि हर उम्र के लोगों में वाहन माडिफिकेशन का जबरदस्त क्रेज है। अपने वाहन का रूप बदलने के लिए लोग अच्छी रकम खर्च करने में जरा भी देरी नहीं करते।
इस क्रेज के चलते ट्रैफिक पुलिस भी सख्त कदम चालान करती है। काफी बार पुलिस गाड़ियों में लगी फिल्म को उतरवा लेती है। नियम के मुताबिक अगर आपने गाड़ी को पेट्रोल या डीजल से सीएनजी में बदलवाया है तो उसके लिए गाड़ी के पंजीकरण में भी बदलाव कराना होगा। ऐसा न करने पर यह अवैध माना जाएगा।