कोवैक्सीन के आते ही चोर हुए शातिर, आधार कार्ड से ठगी करने के लिए निकाला रास्ता

कहा जाता है कि चोर का दिगाम पुलिस से दो कदम आगे चलता है। लेकिन उस चोर को यह नहीं पता होता है कि चोर कितना भी शातिर क्यों ना हो जाए, चोरी करते वक्त कोई ना कोई सुराग छोड़ ही जाता है। जिसके बाद पुलिस उक्त चोरों को आसानी से पकड़ लेती हैं। जिस हां हम बात कर रहे है कोवैक्सीन की। आप सोच रहे होंगें कि कोवैक्सीन का पुलिस व चोर से क्यों संबंध है।

तो हम आपको बता देते है कि कोई भी योजना व कोई भी नहीं स्कीम लोगों पर लागू होने से पहले ही चोरों के द्वार उक्त योजना व स्कीम के जरिए कैसे लोगों को ठगा जा सकें उसके बारे में सोच लेते है। ऐसे हा कोवैक्सीन को लेकर अब चल रहा है। जिसीक चपेट में कई लोग आ चुकी है और लाखों रूपये की ठगी का शिकार भी हो चुके है।

कोवैक्सीन के आते ही चोर हुए शातिर, आधार कार्ड से ठगी करने के लिए निकाला रास्ता

जैसे कि आप सभी जानते है कि 16 जनवरी को देश भर में कोवैक्सीन को लगाने का शुभारंभ हो चुका है। कोवैक्सीन तीन चरणों में लगाई जा रही है। सबसे पहले देश के सभी स्वास्थ्य कर्मियों को लगाई जा रही है। क्योंकि महामारी के दौरान सबसे ज्यादा उन्हीं के द्वारा कार्य किया गया था। सबसे ज्यादा स्वास्थ्य कर्मी ही महामारी की चपेट में आए थे। स्वास्थ्यकर्मी के बाद फ्रंटलाइन वर्कर्स यानी राज्य पुलिसकर्मियों, पैरामिलिटरी फोर्सेस, फौज, सैनिटाइजेशन वर्कर्स को वैक्सीन दी जाएगी। उसके बाद तीसरे चरण में 50 से ऊपर उम्र वालों और 50 से कम उम्र वाले उन लोगों को जो किसी न किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, उन्हें वैक्सीन लगाई जाएगी। उसके बाद महामारी की चपेट में आने वाले लोगों को लगाई जाएगी।

अभी सरकार की ओर से कोई गाइडलांइस नहीं आई है कि कोवैक्सीन आम जनता को फ्री में लगाई जाएगी या फिर पैसों से। लेकिन उसके बावजूद भी ठगी करने वाले गैंग सक्रिया हो गए है। उन्होंने लोगों से कोवैक्सीन के नाम पर ठगी करने का रास्ता ढूंढ लिया है। ठगी करने वाली गैंग लोगों को फोने करके कहते है कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की ओर से आपके एरिया में कोवैक्सीन लगाई जा राएगी। उसको लेकर आप रजिस्ट्रेशन करवा लें। उसके लिए ठगी गैंग के लोग आम जनता व सीनियर सीटिजन से उनका आधार कार्ड नंबर मांगती है। आधार कार्ड नंबर देने के बाद आम जनता व सीनियर सीटिजन के पास एक ओटीपी आता है।

जिसको ठगी गैंग चालाकी से पुछ लेती है। उसके बाद उक्त आधार कार्ड से जो भी बैंक खाता लिंक होता है उस खाते में से पैसे निकाल लिए जाते है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें एक सीनियर सीटिजन से आधार कार्ड नंबर लेने के बाद ओटीपी बता दिया। ओटीपी बताने के बाद ठगी गैंग के द्वारा 12 लाख रूपये निकल लिए गए। इसी को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों को जागरूक करने के लिए एक मैसेज चल रहा हैं। जिसमें लिखा हुआ है।

अगर कोई कोवैक्सीन को लेकर किसी प्रकार की कोई काॅल करता है तो उससे सावधान हो जाए। क्योंकि वह आपसे आधार कार्ड नंबर पूछने के बाद आपके खाते से ठगी करके पैसे निकाल लेंगें। इसलिए उस मैसेज के जरिए लोगों व सीनियर सीटिजन को जागरूक किया जा रहा है कि अगर कोई उनसे कोवैक्सीन लगवाने के लिए आधार कार्ड मंगवाते है तो उस फेक काॅल को किसी प्रकार को कोई जानकारी ना दी जाए। क्योंकि अगर कोई जानकारी आप उनको प्राप्त करवाते है तो आपके बैंक खाते से पैसों की ठगी की जा सकती है।

Avinash Kumar Singh

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