ऐसे बहुत से काम हम रोज़ाना करते हैं जो शहर को बदसूरत बनाता है। अगर अब आपने कहीं भी खुले में शौच या पेशाब किया तो आप पर जुर्माना किया जाएगा। मल बहाने की स्थिति में संबंधित व्यक्ति पर 500 एवं पेशाब करने पर 200 रूपए जुर्माना किया जाएगा। कई शहरों में स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर को अव्वल लाने के लिए नगर निगम ने एंटी गार्बेज यूनिट का गठन किया है।
स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल आने के लिए यह यूनिट शहर में सफाई और डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के प्रति लोगों को जागरूक करेगी, वहीं गंदगी फैलाने वालों से जुर्माना भी वसूलेगी।
खुले में शौच करने से ना सिर्फ गंदगी बढ़ती है बल्कि वातावरण भी प्रदूषित होता है। शहर को साफ़ रखने के लिए नगर निगम की टीमों को फील्ड में उतरने की ज़रूरत है। सभी वार्डों में जांच चलाने की ज़रूरत है कि आखिर क्यों इतनी गंदगी शहर में होती है। खुले में शौच करना एक बुराई है। खुले में शौच करने वालों पर महकमा शिकंजा कसे।
दूषित वातारण में रहना हमारे लिए हानिकारक है। नगर निगम को इन बातों पर भी ध्यान देना चाहिए की कहीं, कचरा जलाने, प्रतिबंधित पॉलीथिन यानी सिंगल यूज पॉलीथिन हो या फिर कचरा जलाने वाले। सभी की निगरानी में निगम की टीमें जुटे।
यदि हम अपने शहर को साफ़ रखेंगे तो ही हम एक अच्छा जीवन व्यतीत कर पाएंगे। आपने खुले में शौच के खिलाफ बहुप्रचारित विज्ञापन देखा होगा, जिसमें अमिताभ बच्चन खेतों में शौच करते लोगों के ऊपर पत्थर फेंकते हैं और वे भाग जाते हैं। हमें ऐसा नहीं करना है हमें लोगों को इसके प्रति जागरूक करना है।