क्यों निकिता का परिवार आमरण अनशन करने पर हुआ मजबूर?

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निकिता मर्डर केस में अदालत में सुनवाई चल रही है वहीं निकिता के परिवार वाले सरकार के रवैए से काफी खफा है। निकिता की बहन तथा पिता मूलचंद का साफ तौर पर कहना है कि सरकार उन्हें केवल आश्वासन दे रही है। परिवार ने ऐलान किया है कि 30 तारीख को निकिता के जन्मदिन वाले दिन वह हत्या वाली जगह पर ही अपना आमरण अनशन शुरू करेंगे।

गौरतलब है कि निकिता की हत्या के बाद परिवार ने सरकार के सामने तीन मांगे रखी थी, जिनमें बल्लभगढ़ में बनने वाले महाविद्यालय का नाम निकिता के नाम पर रखने बेटे को सरकारी नौकरी देने और आर्थिक सहायता मुहैया कराने की बात कही गई थी। जिनमें से महाविद्यालय का नाम सुषमा स्वराज के नाम पर प्रस्तावित किया जा चुका है।

उस समय सरकार ने उनकी तीनों मांगे मानने की बात कही थी लेकिन अब सरकार इन तीनों मांगों को मानने से इंकार कर रही हैं जिससे वह बेहद आहत हैं। आज परिवार सर्व समाज के लोगों को लेकर केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर से मिलने पहुंचा जहां केंद्रीय मंत्री ने उन्हें इस संबंध में मुख्यमंत्री से बात करने का आश्वासन दिया।

क्यों निकिता का परिवार आमरण अनशन करने पर हुआ मजबूर?

केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर से मिलने के बाद परिवार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कहा जब उनके पास कोई रास्ता नहीं बचा है वह अपने परिवार के साथ आत्महत्या कर सकते हैं । परिवार के मुताबिक जिस समय हत्या हुई थी।

उस समय तमाम तरह के राजनीतिक दलों समेत सरकार ने भी तरह-तरह के वादे किए थे लेकिन अब तक कोई भी वादा पूरा नहीं हुआ। परिवार ने सरकार पर उन्हें धोखा देने का आरोप लगाया है और साफ तौर पर कहा है कि अब महापंचायत के माध्यम से इस प्रकरण में क्या किया जाना है पर रूपरेखा बनाई जाएगी ।