टूटी झाड़ू से कैसे होगा शहर साफ़, पढ़िए यह ख़ास रिपोर्ट

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    स्वच्छता सर्वेक्षण सिर पर है लेकिन नगर निगम के अधिकारी बेपरवाह बैठे हैं। नगर निगम के सफाई कर्मचारियों के पास शहर की गंदगी साफ़ करने के लिए झाड़ू नहीं है। शहर में एक मार्च से स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू होगा। केंद्र सरकार की टीमें फरीदाबाद आकर शहर की सफाई व्यवस्था का जायजा लेंगी। लेकिन नगर निगम के सफाई कर्मचारी संसाधनों का रोना रो रहे हैं।

    नगर निगम सफाई कर्मचारियों के पास कूड़े को गलियों से उठाकर कलेक्शन पॉइंट तक पहुँचाने के लिए रेहड़ी व रिक्शे भी नहीं है। सफाई कर्मचारी यूनियन ने दो माह पहले तत्कालीन निगम कमिश्नर यश गर्ग से मुलाकात कर उनसे 3000 झाडू, 300 रेहड़ी और 100 रिक्शा की डिमांड की थी।

    टूटी झाड़ू से कैसे होगा शहर साफ़, पढ़िए यह ख़ास रिपोर्ट

    जो डिमांड की गई थी वो अभी तक सामान नहीं मिला है। शहर में लगातार गंदगी भी बढ़ती जा रही है। शहर की स्वच्छता रैंकिंग में सुधार कैसे होगा। खास बात यह है कि अभी तक हुए चार स्वच्छता सर्वेक्षण में फरीदाबाद हमेशा फिसड्डी रहा है। फिर भी इसे सुधारने का प्रयास नहीं किया जा रहा। सफाई कर्मचारी यूनियन ने इसके लिए आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है।

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    बात यदि इकोग्रीन की करें तो स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 सिर पर है, मगर इकोग्रीन की ओर से अभी तक वाहनों में गीला व सूखा कचरा एकत्र करने को कोई व्यवस्था नहीं की गई है। फिलहाल, निगम अधिकारियों की मानें तो आर्थिक बदहाली के चलते नगर निगम संसाधन उपलब्ध नहीं करा पा रहा। टैक्सेशन ब्रांच जो टैक्स की रिकवरी करती है उसे कर्मचारियों के वेतन और ठेकेदारों के पेमेंट पर खर्च कर दिया जाता है।

    टूटी झाड़ू से कैसे होगा शहर साफ़, पढ़िए यह ख़ास रिपोर्ट

    फरीदाबाद का हर कोना गंदगी में समाया हुआ है। हर जगह आपको गंद मिल जाएगा। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय हर साल जनवरी में देशभर में स्वच्छता सर्वेक्षण की शुरूआत करता है। चार जनवरी से इसकी शुरूआत होती है। लेकिन इस बार महामारी के चलते इसे एक मार्च से शुरू किया जा रहा है। ऐसे में नगर निगम को अपनी हालत सुधारने के लिए दो माह का वक्त और मिल गया। लेकिन संसाधन उपलब्ध न होने से सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है।