छात्रों की ऑनलाइन क्लास बंद लेकिन स्कूल प्रबंधन का फीस मांगने का कार्यक्रम अभी भी है चालू

0
254

महामारी के बढ़ते संक्रमण के चलते जहां छात्रों की पढ़ाई को बरकरार रखने के लिए हरियाणा सरकार ने छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई करने की सुविधा देने के लिए स्कूल प्रबंधन को कहा था।

वहीं अब स्कूल प्रबंधन ने इसे फीस वसूलने का जरिया बनाते हुए मनमानी फीस वसूली का माध्यम बना लिया। दरअसल, स्कूल संचालक कक्षाएं बंद करने के बाद भी फीस मांगनें से बाज़ नहीं आ रहे है।

छात्रों की ऑनलाइन क्लास बंद लेकिन स्कूल प्रबंधन का फीस मांगने का कार्यक्रम अभी भी है चालू

जिसके बाद स्कूल प्रबंधन हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने इसका पुरजोर विरोध किया है। उक्त मंच द्वारा फीस एंड फंड रेगुलेटरी कमिटी एफएफआरसी के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी शिकायत की है

उक्त मंच का आरोप है कि शहर के कई प्रसिद्ध प्राइवेट स्कूल अभिभावकों को नोटिस भेजकर बढ़ी हुई ट्यूशन फीस के साथ-साथ कंप्यूटर को जोड़ कर रहे हैं जिसका विभाग द्वारा विरोध भी किया जा रहा है।

छात्रों की ऑनलाइन क्लास बंद लेकिन स्कूल प्रबंधन का फीस मांगने का कार्यक्रम अभी भी है चालू

दूसरी तरफ अभिभावकों का कहना है कि उनके बच्चों की ऑनलाइन क्लास बंद कर दी गई है और उन्हें एग्जाम में ना बैठने की धमकी दी जा रही है। अभिभावकों ने स्कूल की इस मनमानी की शिकायत कई बार चेयरमैन एफएफआरसी से की।

आलम यह है कि दोषी स्कूलों के खिलाफ कोई उचित कार्यवाही नहीं की है। मंच ने अभिभावकों के सभी शिकायतों को साथ लगाकर एक और शिकायत प्रधानमंत्री से की है।

छात्रों की ऑनलाइन क्लास बंद लेकिन स्कूल प्रबंधन का फीस मांगने का कार्यक्रम अभी भी है चालू

इतना ही नहीं इससे पहले 16 दिसंबर को एफएफआरसी की कार्यशैली के प्रधानमंत्री से की थी। जिसकी जांच करने का जिम्मा एचसीएस अधिकारी दिनेश सिंह यादव को दिया गया था।

इस पर अभी तक कोई भी उचित कार्यवाही नहीं की गई है। मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा कि हाई कोर्ट की डबल बेंच द्वारा दिए गए फैसले का उस के संदर्भ में शिक्षा निदेशक पंचकूला व चेयरमैन एफएफआरसी फरीदाबाद द्वारा प्राइवेट स्कूलों को दिए गए आदेश पर ही वह गत वर्ष की बिना बढ़ाई गई ट्यूशन फीस की मासिक आधार पर ले।

छात्रों की ऑनलाइन क्लास बंद लेकिन स्कूल प्रबंधन का फीस मांगने का कार्यक्रम अभी भी है चालू

इसके अलावा अन्य किसी फंड में पैसा ना ले। अभिभावक सुषमा का कहना है कि उन्होंने एक स्कूल द्वारा मांगे जा रहे एनुअल चार्ज के शिकायत दूरभाष पर चेयरमैन एफएफआरसी कम मंडल कमिश्नर संजय जून से की थी।

इसके अलावा मेल पर लिखित शिकायत भी दर्ज कराई, लेकिन उसके शिकायत पर कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। वहीं मंच के जिला सचिव डॉ मनोज शर्मा ने कहा कि एफएफआरसी निश्चित ही दोषी स्कूलों के खिलाफ उचित कार्यवाही नहीं की तो हाईकोर्ट में अवमानना का केस दायर किया जाएगा।